एक समय था जब लड़कियों को शिक्षा देना जरूरी नहीं समझा जाता था, उन्हें घर के कामों तक ही बांधा जाता था, धीरे धीरे हालातों में सुधार हुआ और लड़का- लड़की के बीच होने वाले भेदभाव की चैन टुटी। हालांकि आज भी कुछ जगहों में पूरानी सोच की ही नीति को अपनाया जाता है। लेकिन आज हमारे देश में लड़कियों को भी लड़कों की तरह ही शिक्षा दी जाने लगी है, जिसके बाद अब लड़कियां भी लड़कों की बराबरी करने लगी है। आज लड़कियाँ अपनी मेहनत के बल पर बड़ी ऊचांईयां छू रही है। जिसके बाद अब उच्च शिक्षा में भी लड़कियां पीछे नहीं है।
उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी हुई बराबर-
अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) के मुताबिक इंजीनियरिंग और लॉ को छोड़कर हर कोर्स में लड़कियों की संख्या में वृद्धि हो रही है । जिसके बाद अब उच्च शिक्षा में भी लड़कियों की भागीदारी बराबर हो गई है। अब लड़कियां भी लड़कों को टक़्कर देते हुए आगे बढ़ रही है।
21.3 लाख लड़कों में 20.3 लाख लड़कियां-
भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) के मुताबिक पिछले पांच साल तक B.Com में 100 लड़कों पर 90 लड़कियां B.Com में दाखिला लेती थीं लेकिन 2019-20 में यह आंकड़ा 100 हो गया है। वही 2019-20 में 41.6 लाख विद्यार्थियों ने B.Com में दाखिला लिया। इनमें से 20.3 लाख लड़कियां थीं जबकि 21.3 लाख लड़के थे। जिसमें लड़कियों की भागीदारी अब बराबर है। अब कुल मिलाकर सभी कोर्सों में 2015-2016 में जहां सौ छात्रों पर 86 छात्राएं हुआ करती थीं, वहीं 2019-20 में सौ छात्रों पर अब 96 लड़कियां हो गई हैं।