कोरोना की शुरुआत में एक समय ऐसा था, जब सारे रास्ते बंद से हो गए थे। नए वायरस ने एक साथ पूरी दुनिया में तबाही मचा दी। लेकिन तभी देश के अनगिनत ऐसे लोग सामने आए, जिनकी वजह से हमारा देश झुका नहीं। कोरोना काल में भारत ने कई अभूतपूर्व कार्य किए हैं, पीपीई किट,वैक्सीन से लेकर कई कोरोना जांच के लिए तकनीक विकसीत कर ली है। इनमें से ही एक है…सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक, जिसका अब व्यावसायिक प्रयोग भी शुरू होगा।
किसने बनाया
कोरोना जांच की इस तकनीक को नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट यानि नीरी ने बनाया है। यह स्वदेशी रूप से विकसित कई गई है। हाल ही में CSIR और NIRI ने सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक को MSME मंत्रालय को सौंप दिया है। ताकि इस तकनीक का व्यवसायीकरण हो सके।
क्यों पड़ी जरूरत
सलाइन गार्गल आरटी पीसीआर टेस्ट सस्ती व सुलभ तकनीक से कोरोना की जांच जल्दी हो सकेगी। दरअसल आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए नाक और गले से सैंपल लिया जाता है। सैंपल देने के लिए विशेषज्ञ के पास जाना पड़ता है। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए देश के वैज्ञानिकों ने सरल, तेज और सस्ता तरीका तैयार किया है। इसके तहत अब पानी और नमक के घोल से गरारे कर इसे एक बीकर में रखकर लैब में भेजा जा सकेगा और तीन ही घंटे में परिणाम भी प्राप्त किया जा सकेगा। यह प्रक्रिया इतनी सरल है कि रोगी स्वयं नमूना एकत्र कर सकता है।
ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में जांच के लिए वरदान
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि परीक्षण की यह अनूठी तकनीक ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभप्रद होगी। इस तकनीक को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और NIRI से कहा गया है कि वह देश भर में इसके प्रयोग में मदद करने के लिए अन्य परीक्षण लैब को प्रशिक्षित आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करें।
इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर टेस्ट को पूरे देश में, खासकर संसाधन की दृष्टि से निम्न ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसका परिणाम त्वरित और सहज जांच के रूप में आयेगा तथा महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेगा।
इनोवेशन समाज की सेवा के लिए ‘राष्ट्र को समर्पित’
CSIR और NIRI का कहना है कि संस्थान द्वारा विकसित इनोवेशन समाज की सेवा के लिए ‘राष्ट्र को समर्पित’ किया गया है। यह इनोवेशन प्राइवेट, सरकारी और विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं और विभागों सहित सभी सक्षम पार्टियों को इसके व्यवसायीकरण और लाइसेंस लेने में समर्थ बनायेगा। उन्होंने आगे कहा कि लाइसेंस मिलने के बाद संबंधित पक्ष आसानी से प्रयोग करने योग्य कॉम्पैक्ट किट के रूप में व्यावसायिक उत्पादन के लिए मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करेंगे। ICMR और NIRI ने देश भर में इसके व्यापक प्रसार के लिए संभावित लाइसेंसधारियों को जानकारी हस्तांतरण करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।