नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में इस बार अभिभावकों की जेब ढीली होने वाली है। इस बार कॉपियों के दामों में 10 से 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। जिससे अभिभावकों का बजट गड़बड़ाना तय है।
हर साल महंगी होती शिक्षा अभिभावकों के लिए बनी सिरदर्द:
हर साल महंगी होती शिक्षा अभिभावकों के लिए चिंता बनी हुई है। महंगाई की मार से अभिभावक परेशान है। एक बार फिर नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही अभिभावकों के माथे में चिंता की लकीरें दिखनी शुरू हो गई है।
महंगाई की मार से अभिभावकों का बजट गड़बड़ाना तय:
इस बार कॉपियों के दामों में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि हुई है। जिन कॉपियों को अभिभावकों ने पिछले वर्ष 100 रुपये में खरीदा था। वह इस बार 110 पर पहुंच चुकी है। नगर के माल रोड स्थित अल्मोड़ा किताब घर के स्वामी जयमित्र सिंह बिष्ट ने बताया कि बाहर से कागजों के दामों में अधिक वृद्धि हुई है। जिसके चलते कॉपियों के दामों में भी ईजाफा हुआ है। अच्छी गुणवत्ता वाले पेपर से बनी कॉपियों में 10 से 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। इस महंगाई की मार से अभिभावकों का बजट गड़बड़ना तय है।
निजी प्रकाशकों की किताबों में भी बढ़ोतरी:
नगर के अधिकांश विद्यालयों में एनसीईआरटी पैटर्न की ही किताबें संचालित की जा रही है। इसके बावजूद कुछ नीजी प्रकाशकों की किताबों में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गणित, विज्ञान समेत अन्य किताबों के दाम बड़े है।
कॉपियों के दाम:
पहले अब
20 – 22
34 – 36
50 – 52
100 – 110