अल्मोड़ा: सपना ही रह गया अल्मोड़ा स्तिथ मृग विहार को मिनी जू बनाना

अल्मोड़ा जिले के एनटीडी स्थित मृग विहार को मिनी जू बनाने की योजना अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। प्रस्ताव कई सालों से लंबित पड़ा है। पिछले साल वन विभाग को कुछ पैसा स्वीकृत भी हुआ था।

स्वीकृत होने के बाद भी विभाग को नहीं मिल पाया बजट

अल्मोड़ा में 38 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले विहार को मिनी जू बनाने की तैयारी काफी समय पहले शुरू हो गई थी। केंद्रीय जू अथॉरिटी की ओर से डिजाइन स्वीकृत होने के बाद आज तक विभाग को पूर्ण बजट नहीं मिल पाया है। पांच करोड़ 40 लाख की योजना के तहत मिनी जू के लिए चारों ओर फेंसिंग करने के अलावा ऊंची दीवार का निर्माण, सेनिटेशन, विजिटर्स मार्ग, स्टोर फैसेलिटी, पानी की व्यवस्था, जानवरों के लिए नाइट शल्टर, मेडिकल उपकरण और दवाइयां आदि रखी जानी थी। हालांकि इसमे कुछ कार्य शुरू हो गये है। लेकिन बजट के अभाव से ये कार्य भी अधूरे हैं।

80 लाख रुपये हुए थे स्वीकृत

पूर्व में करीब 80 लाख रुपये मिनी जू के लिए स्वीकृत हुए थे। लेकिन विभाग को यह पैसा नहीं मिल पाया। केंद्रीय जू अथॉरिटी की ओर से प्रत्येक बार कुछ आपत्तियां भी दर्ज की गई। जिसके बाद वन विभाग ने आपत्तियों को दूर कर पत्राचार भी किया, लेकिन जवाब अभी तक नहीं आया है।

100 से अधिक जानवर है जू में

मृग विहार में सांभर, चीतल, सफेद बंदर, गुलदार, भालू, काकड़ समेत करीब 100 से अधिक जानवर है। मिनी जू बनने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

मिनी जू के लिए बजट अभी पेश नहीं

दीप चंद्र पंत, डीएफओ, सिविल सोयम अल्मोड़ा ने बताया केंद्रीय जू अथॉरिटी ने कुछ जानकारियां मांग थी, जो उन्हें दे दी गई है। लेकिन अभी तक बजट नहीं आया है। हालांकि कुछ रकम मिली थी, जिसे मिनी जू के अन्य निर्माण में लगाया गया है।