सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के दृश्यकला संकाय एवं चित्रकला विभाग में 13 दिसम्बर से तीन दिवसीय कला प्रर्दशनी का शुभारम्भ हुआ। प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि प्रो. प्रवीण बिष्ट, अधिष्ठाता प्रशासन तथा प्रो. शेखर चन्द्र जोशी, अधिष्ठाता शैक्षिक तथा प्रदर्शनी की मुख्य निर्देशिका प्रो. सोनू द्विवेदी ‘शिवानी’ (संकायाध्यक्ष दृश्यकला एवं विभागाध्यक्ष चित्रकला)ने संयुक्त रूप से किया ।
प्रदर्शनी संयोजक एवं सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की-
जिसमें उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी अल्मोड़ा सुश्री वन्दना व संरक्षक माननीय कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी अति आवश्यक कार्य आ जाने से पहुंच नही सके किन्तु उन्होंने दूरभाष के माध्यम से प्रदर्शनी संयोजक एवं सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि वह प्रदर्शनी का अवलोकन जरूर करेंगी। वहीकुलपति ने विद्यार्थियों के प्रयास की सराहना की और कहा कि दृश्यकला संकाय के विद्यार्थी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं एवं निरतंर श्रेष्ठ प्रर्दशन करते है।
अविस्मरणीय है युवा कलाकार प्रतिभाशाली-
प्रो. प्रवीण बिष्ट परिसर प्रशासन ने कहा कि प्रर्दशनी में शीर्षक के अनुरूप बहुत ही सुन्दर चित्र देखने को मिला है जो अविस्मरणीय है युवा कलाकार प्रतिभाशाली, विचारवान और संगठित है उन्होंने संयोजक विद्यार्थियों सभी शिक्षको तथा कर्मचारियों के इस संयुक्त सुन्दर प्रयास की सराहना की। प्रो. शेखर चन्द्र जोशी अधिष्ठाता शैक्षिक ने विद्यार्थियों के विषयानुरूप चित्रों की सराहना करते हुए कलाकारों को कला की बारिकियों से अवगत कराया तथा सभी प्रतिभागियों को कला प्रदर्शनी को प्रदेश व देश के अन्य सभी जगह प्रदर्शित करने को कहा उन्होंने कहा कि सभी चित्र अत्यंत उत्कृष्ट है साथ ही उन्होंने बी.ए., एम.ए. चित्रकला तथा बी.एफ.ए व एम.एफ.ए. के प्रत्येक कक्षा के उत्कृष्ट चित्र को पांच – पांच सौ रूपये पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा भी की।
कला प्रर्दशनी विषय अध्ययन का है आवश्यक भाग-
प्रदर्शनी के संयोजन का निर्देशन प्रोफेसर सोनू द्विवेदी ‘शिवानी’ ने किया उन्होंने बताया कि चित्रों के निर्माण के साथ कलाकार को आगे बढ़ने के लिए उनका प्रर्दशन करना भी सीखना होगा संकाय के वरिष्ठ विद्यार्थियों द्वारा संयोजित यह कला प्रर्दशनी उनके विषय अध्ययन का आवश्यक भाग है उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के गौरवशाली कला संस्कृति का विस्तार और प्रचार प्रसार यहां का कलाकार ही कर सकता प्रदर्शनी के चित्रों मे शीर्षक अनुरूप देवभूमि के जन-जीवन का स्पंदन है उन्होंने कहा कि भविष्य मे भी इस तरह की प्रर्दशनी विद्यार्थियों के प्रतिभा विकास और पहचान हेतु आयोजित करवाये जायेंगे जिससे संकाय और विभाग की सशक्त पहचान राष्ट्र स्तर पर हो उन्होंने बताया कि संस्कार भारती (कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था) प.उ.प्र. इकाई अल्मोड़ा प्रांत उत्तराखंड ने प्रतिभागी कलाकारों के विशेष प्रोत्साहन हेतु संस्था की ओर से प्रमाण-पत्र देने को कहा है उन्होंने बताया कि प्रर्दशनी की स्मारिका का प्रकाशन भी किया जा रहा है जिसके माध्यम से प्रतिभागी कलाकारो की पहचान के कला को पहचान मिलेगी।
कला संस्कृति के संरक्षण की दिशा मे है प्रयास-
इस तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी का संयोजन श्री योगेश डसीला एवं उनके सभी सहपाठी स्नातकोत्तर ‘फाईन आर्ट’ सत्र 2020-21 के छात्र/छात्राओं दृश्यकला संकाय के द्वारा किया गया है। उद्घाटन सत्र का संचालन योगेश डसीला ने किया तथा इस सफल आयोजन मे सहयोगियों कर रहे सभी लोगों का धन्यवाद किया कहा कि प्रदर्शनी हमारे पर्वतीय जीवन की सभ्यता और कला संस्कृति के संरक्षण की दिशा मे प्रयास है। इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग श्री चन्दन आर्या, श्री कौशल कुमार, श्री सन्तोष सिंह मेर, श्री पूरन सिंह, श्री जीवन चन्द्र जोशी ने किया।
इन लोगों का रहा सहयोग-
इस अवसर पर संकाय एवं विभाग के सभी छात्र/छात्राएं उपस्थित रहें। वही मुकेश चन्याल, कु. दिव्या ह्याकी, कु. निकिता शर्मा, कु. निशा रौतेला, कु. गीतांजलि रावत, श्री पंकज जायसवाल, श्री दिव्यांशु जोशी, श्री योगेश भंडारी, कु. नन्दिता महर, श्री निकिता नेगी, श्री हर्षित सामंत, श्री मोहम्मद बिलाल, श्री महेन्द्र आर्या, नवीन राम, सुनीता तिवारी ने संयोजन में सक्रिय सहयोग किया।