अल्मोड़ा: भगवान परशुराम के प्रमुख शिष्यों में गुरु द्रोणाचार्य के अलावा भीष्म व दानवीर कर्ण भी शामिल-ब्राह्मण महासभा

आज दिनाँक 3 मई 2022 को नगर पालिका सभागार में भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव मनाया गया, धार्मिक मान्यता के अनुसार परशुराम जी का जन्म वैशाख माह की तृतीय के दिन हुआ था जिसे अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है, भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है।

परशुराम जी के प्रमुख शिष्य थे गुरु द्रोणाचार्य, भीष्म और कर्ण

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भगवान परशुराम के प्रमुख शिष्यों में गुरु द्रोणाचार्य के अलावा भीष्म व दानवीर कर्ण भी शामिल रहे। कुछ लोगों द्वारा भगवान परशुराम पर जातीय आक्षेप लगाना समाज में फूट डालने के अलावा कुछ नहीं है।

परशुराम जी भगवान राम के भी थे वन्दनीय

परशुराम ने अराजकता को दूर करते हुए पृथ्वी को सभ्य समाज के रहने लायक बनाया। वक्ताओं ने कहा कि परशुराम जी भगवान राम के भी वन्दनीय थे। वे सभी लोग जो चेतनशील है उन्हें एकजुट होना चाहिये ताकि अज्ञान अन्याय व अत्याचार के प्रतिकार के लिये एकजुट हो सके।

अक्षय तृतीया के विभिन्न स्वरूपों पर डाला गया प्रकाश

इस अवसर पर ब्राह्मण महासभा के नगर अध्यक्ष वैभव जोशी ने भगवान परशुराम की जीवनी तथा , डॉ.जे.सी. दुर्गापाल ने अक्षय तृतीया के विभिन्न स्वरूपों तथा मनोज सनवाल ने गरीब लोगों की मदद पर ध्यानाकर्षण कर प्रकाश डाला। मनीष तिवारी ने कहा कि ब्राह्मणों का किसी से विरोध नहीं है।

सभी का हित करना ही है ब्राह्मण का धर्म-दयाकृष्ण काण्डपाल

दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि ब्राह्मण वह है,जो यजमानों के कल्याण के लिये उनके पापों को दक्षिणा के रूप में अपने सिर पर लेकर अपने पुण्य यजमानों को प्रदान करता है। सभी का हित करना ही ब्राह्मण का धर्म है। भुवन जोशी ने कहा कि गलत आचरण व लोभ के कारण भगवान परशुराम ने ब्राह्मणों को भी शापित किया। आशीष जोशी ने कहा कि समाज मे भले लोगों को एकजुट होना चाहिये। सभा में संजय पांडे ने सुन्दर भजन सुनाये।

बैठक में मौजूद रहे

बैठक की अध्यक्षता डॉ जे. सी. दुर्गापाल ने की और संचालन आशीष जोशी ने किया, इस अवसर पर मनोज सनवाल, संजय पाण्डे, विजय भट्ट, रोहित लोहनी, जीवन जोशी, मोहन भट्ट, विनोद जोशी, भुवन चन्द्र जोशी, अरविंद जोशी, आदि मौजूद रहे।