अल्मोड़ा: रेखा आर्य के अलावा जिले के अन्य विधायकों को मिली मायूसी

नवगठित भाजपा सरकार में इस बार अल्मोड़ा जिले के खाते में केवल एक कैबिनेट मंत्री का ही पद आया है। शेष तीन विधायकों को मायूसी झेलनी पड़ी है। हालांकि विधायकों को उम्मीद है कि मंत्रीमंडल विस्तार के दौरान उन्हें पद मिल सकता है।

2017 में अल्मोड़ा जिले को मिले थे दो अहम पद:

दरअसल, 2017 में जिले की चार विधान सभाओं में भाजपा के प्रत्याशी जीते थे। इनमें अल्मोड़ा, द्वाराहाट, सल्ट और सोमेश्वर शामिल थे। पिछली सरकार में रेखा आर्या को पहले राज्यमंत्री और बाद में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उस सरकार में अल्मोड़ा विधायक रघुनाथ सिंह चौहान को विस उपाध्यक्ष का पद मिला था।

2022 में भाजपा छः में से चार विधानसभा सीटें जीतने में कामयाब रही:

इधर, 2022 के विस चुनाव में भी अल्मोड़ा जिले में भाजपा चार सीटें जीतने में कामयाब रही। इसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार भी जिले को दो बड़े पद मिल सकते हैं। सभी विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल थे। उनके समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने की मांग को लेकर मुखर थे।

सीएम के साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली:

बुधवार को सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में जिले भर के लोगों की निगाहें थी। सीएम के साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली। उनमें जिले की सोमेश्वर सीट से लगातार तीसरी बार विधायक बनीं रेखा आर्या का ही नाम शामिल था। इससे अन्य विधायकों के समर्थकों में मायूसी छा गई।

मोहन सिंह मेहरा भी प्रबल दावेदार:

जागेश्वर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह कुंजवाल पर बड़ी जीत पाने वाले विधायक मोहन सिंह मेहरा भी इस बार मंत्री पद की दौड़ में बताए जा रहे थे। मेहरा इससे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। एक बार उनकी पत्नी भी जि.पं. अध्यक्ष रह चुकी हैं। कांग्रेस का अभेद्य किला माने जाने वाली जागेश्वर सीट जीतकर मेहरा ने अपनी दावेदारी और मजबूत कर ली थी।

जिले के एक विधायक को पद मिलने की संभावना बरकरार:

मेहरा के अलावा सल्ट विधायक महेश जीना भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे थे। जातिगत समीकरणों के आधार पर रानीखेत विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल भी मंत्री पद के दावेदार थे। हालांकि आने वाले दिनों में तीन में से किसी एक विधायक को पद मिलने की संभावनाएं बरकरार हैं।