अल्मोड़ा जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा जिले के रानीखेत के ताड़ीखेत ब्लॉक के रिकोशा गांव निवासी प्रेम सिंह रावत को आखिरकार शहीद का दर्जा मिल गया है।
मिला शहीद का दर्जा
मिली जानकारी के अनुसार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लांस नायक प्रेम सिंह रावत तीन दशक पहले देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। जो 1984 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। वह 57वीं बटालियन में लांसनायक (सामान्य ड्यूटी) के रूप में भारत-बांग्लादेश सीमा की जलांगी चौकी (दक्षिण बंगाल) में तैनात थे। 23 अगस्त 1994 को बांग्लादेशी तस्करों से मुठभेड़ हुई। जिसमे देश की सुरक्षा के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर 24 अगस्त को पद्मा नदी से बरामद किया गया था। वर्षों तक उनके बलिदान को औपचारिक पहचान नहीं मिली। लेकिन 30 साल बाद आखिकार उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया है। इस सम्मान से उनके परिवार और गांव वाले गौरवान्वित हैं।
सौंपा सम्मान पत्र
वहीं वर्तमान में हल्द्वानी के ऊंचापुल स्थित पीडी कॉलोनी में उनके आवास पर पहुंचे कमांडेंट आफिसर दिनेश सिंह ने बीते मंगलवार को वीरांगना गुड्डी देवी रावत, पुत्र सूर्यप्रताप रावत और भाई धन सिंह रावत को यह सम्मान-पत्र सौंपा।