अल्मोड़ा: पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने ग्राम प्रधानों के पक्ष में खुलकर किया समर्थन, कहा ग्राम प्रधानों की सभी मांगे जल्द हो पूरी

अल्मोड़ा जिले के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ग्राम प्रधानों के पक्ष में खुलकर समर्थन में आये है। पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने प्रेस में जारी बयान में कहा कि ग्राम प्रधान जनता द्वारा चुना गया प्रतिनिधि होता है और इस कोरोनाकाल में ग्राम प्रधानों द्वारा अपनी जान की फिक्र ना करते हुए अभूतपूर्व कार्य किये गये हैं लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार ग्राम प्रधानों की अनदेखी कर रही है जो बर्दाश्त योग्य नहीं है।

ग्राम प्रधानों की सभी मांगे जायज-

पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि ग्राम प्रधानों की सभी मांगे जायज हैं जिन्हें प्रदेश सरकार ने अविलम्ब स्वीकार कर लेना चाहिए। मनोज तिवारी ने कहा कि वे ग्राम प्रधान संगठन का पुरजोर समर्थन करते हैं व सरकार से मांग करते हैं कि इन मांगों पर तुरन्त स्वीकृति प्रदान की जाए।

15 वें वित्त में हो रही भारी कटौती पर शीघ्र लगाई जाए रोक-

पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर ( सीएससी ) को 2500 प्रतिमाह प्रत्येक ग्राम पंचायत से दिए जाने का आदेश शीघ्र वापस लिया जाय। प्रत्येक ग्राम पंचायत स्वयं अपने काम करने में सक्षम है। मनोज तिवारी ने कहा कि 15 वें वित्त में हो रही भारी कटौती पर शीघ्र रोक लगाई जाए तथा पूर्व की भांति 15वें वित्त में कंटीन्जेसी की राशि 10% रखी जाए।73वें संविधान संशोधन के प्रावधानों को लागू करते हुए 29 विषयों को शीघ्र ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किया जाए। ग्राम प्रधानों का मानदेय बढ़ाया जाय। मनरेगा के कार्य दिवस प्रति परिवार 100 दिन  से बढ़ाकर 200 दिन प्रतिवर्ष किया जाय।

2019 के बाद बंद हुई आवासों की ऑनलाइन प्रक्रिया दुबारा हो शुरू-

प्रधानमंत्री आवास योजना में तहत चयनित ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों को अतिशीघ्र धनराशि दी जाय व फरवरी 2019 के बाद बंद हुई आवासों की ऑनलाइन प्रक्रिया दुबारा शुरू की जाय, ताकि अन्य पात्र व्यक्तियों को भी इस योजना का लाभ मिल सके। पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि ग्राम प्रधान अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से आन्दोलनरत हैं परन्तु भाजपा की सरकार, मुख्यमंत्री, भाजपा सांसद एवं भाजपा विधायक ग्राम प्रधानों की अनदेखी कर मौन धारण किये हुए हैं।

कोविड महामारी से पंचायतों में बढ़ी बेरोजगारी-

पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि कोविड महामारी से पंचायतों में बेरोजगारी बढ़ चुकी है। जिससे उन्हें रोजगार दिया जा सके। ग्राम पंचायतों में पंचायतों के जेई एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति शीघ्र की जाय।जिससे ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों में गति प्राप्त हो।जिससे कम से कम ग्राम पंचायतें एक ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी को मिल सके। उन्होंने कहा कि विधायक निधि/सांसद निधि को आधार मानते हुए,ग्राम पंचायतों को भी 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष ग्राम पंचायत निधि की व्यवस्था की जाय। जिसे ग्राम पंचायत अपने स्तर से विकास कार्यों में खर्च कर सके।

ग्राम पंचायत को आपदा मद से दिए जाए प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये-

पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि ग्राम पंचायत को आपदा मद से प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की धनराशि दी जाय।जिससे कि ग्राम पंचायतों में दैवीय आपदा से हुए सरकारी संपत्ति व ग्रामीणों को व्यक्तिगत हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता व निर्माण कार्य हो सके। ग्राम पंचायत में किसी भी विभाग द्वारा किए जाने वाले विकास कार्य एवम अन्य कार्य में ग्राम पंचायत की खुली बैठक का प्रस्ताव एवं अनुमति क़ो अनिवार्य किया जाये। जिससे  विवाद उत्पन्न ना हो।