आज सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ अल्मोडा कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में गढ़वाल मण्डल के खाद्य विभाग द्वारा सरकारी गल्ला विक्रेताओं को दिये गये नोटिस की कड़ी निंदा की गयी व रोष व्यक्त किया गया।
बैठक में कहीं गई यह बात-
इस दौरान बैठक में कहा गया कि पर्वतीय केन्द्र के सभी विक्रेता अपना कार्य ईमानदारी और निष्ठापूर्वक कर रहे हैं और करना चाहते है, लेकिन शासन व सरकार ही नहीं चाहती कि खाद्य विभाग ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करें तभी तो वह चीनी में मात्र 7=28 रूपये प्रति कुंतल तथा ए० पी० खाद्यान्न व दालों में मात्र 18=00 रूपये प्रति कुंतल लाभांश देने से आगे नहीं बढ़ना चाहती जबकि शासन द्वारा खाद्यान्न व दालों में 20 गुना तक कीमतें बढ़ा दी गई है।
गढ़वाल के साथ कुमाऊँ क्षेत्र भी उग्र आन्दोलन को होगा बाध्य-
जिसमें कहा गया कि शासन पर्वतीय क्षेत्र के विक्रेताओं के हितों की लगातार उपेक्षा करती रही है जिसे अब सहन नहीं किया जायेगा। जिसके लिए अब पर्वतीय क्षेत्र के सभी विक्रेता अपना पृथक संगठन बनाकर अपना संघर्ष करेंगे। बैठक में यह भी चेतावनी दी गयी कि यदि गढ़वाल मण्डल के विक्रेताओं का इसी प्रकार उत्पीड़न किया गया तो गढ़वाल के साथ कुमाऊँ क्षेत्र भी उग्र आन्दोलन को बाध्य होगा। साथ ही सामूहिक त्यागपत्र दे दिया जायेगा। इस सम्बन्ध में अल्मोड़ा के प्रतिनिधी टिहरी में आयोजित बैठक में शामिल होने के लिये कल टिहरी रवाना होंगे, जहाँ पर्वतीय क्षेत्र का प्रथम संगठन का गठन किया जायेगा।
यह लोग रहे उपस्थित-
इस दौरान बैठक में दिनेश गोयल, मनोज वर्मा, अभय साह, केसर सिंह, नारायण सिंह, देवेंद्र चौहान, विपिन तिवारी उपस्थित रहें।