जिला रोजगार सृजन केन्द्र के तत्वाधान में आज अल्मोड़ा आर्य समाज में रोजगार सृजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्र के संयोजक डा .सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि एक दौर था जब आर्य समाज ने देश में आज़ादी के सूत्र ही नहीं सूत्रधार भी दिये, और आर्य समाज के पुरुषार्थ 15 अगस्त 1947 में हमारा देश आज़ाद हुआ।
आजादी के समय भारत की विश्व अर्थव्यवस्था में थी बड़ी भूमिका
देश जब आज़ाद हुआ तो उस समय विश्व व्यापार में भारत का योगदान 34%था तब विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की बड़ी भूमिका थी, उस समय हमारे गांव -गांव में स्वालम्बन व कारीगरी में दक्षता थी ।भारत को उद्यमिता से दूर करने के लिये अंग्रेजों ने सरकारी रोजगार का तरीका फैलाया ।आज देश में स्वरोजगार समाप्त हो गया तथा लोगों की उम्मीदें सरकारी रोजगार पर टिक गई है । भारत की इस समय विश्व व्यापार में 4% हिस्सेदारी हुई है।जबकि गुलाम भारत मे भी यह दर 34% से काफी गिरी हुई है।
सरकारी रोजगार में अवसर अत्यधिक सीमित
स्वरोजगार के अभाव में युवाओं का इस समय सारा ध्यान सरकारी रोजगार पर लगा है।जबकि सरकारी रोजगार में अवसर अत्यधिक सीमित हैं। सरकारी रोजगार ने लोगों को पलायन के लिये भी बाध्य कर दिया है तथा बुजुर्गों की सेवा के लिये उनकी सन्तानें उनके पास नहीं है। युवा खुद अपना काम करने के बजाय दस हज़ार की नौकरी के लिये अपना घर व गांव छोड़ रहे हैं। स्वावलंबी भारत अभियान इस कमी को दूर करेगा ।
बड़ी संख्या मे लोगों ने भागीदारी की
इस कार्यक्रम का संचालन आर्य समाज के मन्त्री दयाकृष्ण काण्ड़पाल ने किया तथा अध्यक्षता एड़ संजय अग्रवाल ने की , इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या मे लोगों ने भागीदारी की।