कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप सभी लोगों पर कहर बनकर टूटा है। जिसमें व्यापारियों को भी आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में अल्मोड़ा जिले के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार व्यापारियों के हितों के बारे में भी सोचे और शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए पूरी बाजार खोलने और व्यापारियों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करें।
लाॅकडाउन में व्यापारियों की आर्थिक स्थिति हो रही है खराब-
आज जारी एक बयान में अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि इस कोविड काल में सुरक्षा की दृष्टि से लागू हुए लाॅकडाउन में व्यापारियों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। ऐसे में आवश्यकता है कि सरकार इन सब के बारे में भी सोचे और एक स्पष्ट रणनीति बनाते हुए ऐसी रूपरेखा तय करे ताकि इनका रोजगार भी चल सके।
यह दुकानें भी शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए खुले-
पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि जहां सब्जी, दूध इत्यादि आवश्यक सामग्री की दुकाने प्रतिदिन निश्चित समय के लिए खुल रही हैं ऐसे में अन्य कपड़े,जूते,बर्तन सहित अन्य छोटी बड़ी सभी दुकाने भी शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए सायं 5 बजे तक खोली जाए ताकि व्यापारियों को हो रहे लगातार नुकसान पर कुछ हद तक अंकुश लग सके।
सरकार व्यापारियों को दे राहत पैकेज-
पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि वर्तमान में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। ऐसे में बड़े व्यवसायी,मध्यम श्रेणी के दुकानदारों,फड़ व्यवसाईयों सहित छोटा मोटा व्यवसाय करने वाले सभी दुकानदार बेहद बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार का ये दायित्व है कि एक स्पष्ट रणनीति बनाते हुए व्यवसाईयों को एक राहत पैकेज दे। पूर्व विधायक मनोज ने यह भी मांग की है कि इस कोरोनाकाल में जितने भी व्यापारियों ने बैंक से ऋण लिया है उनके ऋण का छ: माह का ब्याज माफ किया जाए।
बिजली एवं पानी के बिल भी हो माफ-
पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर व्यापारियों को राहत देते हुए प्रदेश सरकार सभी व्यापारियों के अप्रैल से सितम्बर तक छ: माह के बिजली एवं पानी के बिलों को माफ करे। उन्होंने जिला पंचायत एवं नगर पालिका से भी निवेदन किया कि जिन दुकानदारों की दुकाने नगरपालिका एवं जिलापंचायत के स्वामित्व में हैं उनका एक साल का किराया माफ किया जाए।
फड़ व्यवसाईयों के बारे में भी सोचे सरकार-
पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि अनेक ऐसे भी फड़ व्यवसायी हैं जो प्रतिदिन अपने लिए जीविकापार्जन करते हैं प्रतिदिन की कमाई से अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं। उनके पास कोई जमा पूंजी नहीं होती। प्रदेश सरकार को ऐसे फड़ व्यवसाईयों के बारे में भी आज प्राथमिकता के आधार पर सोचना होगा। उन्होंने कहा कि नगरपालिका बाजार खुलने पर इन फड़ व्यवसाईयों के शुल्क की जो पर्ची काटती है उसे भी कम से कम छ माह तक माफ करे ताकि इन फड़ व्यवसाईयों को भी थोड़ी राहत मिल सके।उन्होंने प्रदेश सरकार से भी मांग की है कि इन फड़ व्यवसाईयों के लिए अलग से एक नीति बनाकर इन्हें सहायता राशि दी जाए जिससे कि ये पुनः अपनी जिन्दगी सुचारू रूप से चला पाएं।