सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा के समाजशास्त्र विभाग में ‘ लोकविधि विज्ञान एवं शोध हेतु प्रस्तुत रूपरेखा के निर्माण विषय पर केन्द्रित एक दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।
समाजविज्ञानी प्रो ठाकुर जी समाजशास्त्र विषय के प्रख्यात अध्येता हैं
व्याख्यानमाला में समाजशास्त्र विषय की संयोजक एवं विभागाध्यक्ष प्रो.इला साह ने विषय विशेषज्ञ प्रो. सी. एस. एस. ठाकुर( सेवानिवृत आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्यप्रदेश) का अभिनंदन कर स्वागत किया।
विभागाध्यक्ष प्रो.इला साह ने विशेषज्ञ का स्वागत करते हुए कहा कि समाजविज्ञानी प्रो ठाकुर जी समाजशास्त्र विषय के प्रख्यात अध्येता हैं। उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने व्याख्यान के बिंदुओं पर रूपरेखा प्रस्तुत की।
हमें शोध विषय के मर्म को समझना होगा
विशेषज्ञ प्रो सी एस एस ठाकुर ने कहा कि हमें शोध विषय के मर्म को समझना होगा। हम ज्ञान के अर्थ से परिचित होना होगा। उन्होंने समाजशास्त्र के सिद्धांतों की चर्चा की। प्रो ठाकुर ने कहा कि ज्ञान प्रमाण को प्राप्त करना ही ज्ञान है।
शोध रूपरेखा के संबंध में उन्होंने कहा कि शोध समस्या का चयन, प्रस्तावना, उद्देश्य, उपकल्पना, तथ्य, तथ्यों का वर्गीकरण, डाटा कलेक्शन, सैम्पलिंग, वर्गीकरण, रिपोर्ट लेखन,अवलोकन, साक्षात्कार, निष्कर्ष आदि के संबंध में विस्तार से चर्चा की।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर डॉ कुसुमलता, डॉ पुष्पा वर्मा, डॉ योगेश मैनाली, डॉ ललित जोशी, भानु प्रताप, इंद्र मोहन पंत,मनदीप बिदान, आशीष पंत, राहुल जोशी, प्रेमा गडकोटी, रेखा मेहता, सपना, अनिता दानु आदि सहित विभाग के शिक्षक एवं छात्र मौजूद रहे।