केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कल सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों का मंहगाई भत्ता बहाल करने के साथ ही वस्त्र निर्यात को बढ़ावा देने तथा पशुपालन और जहाजरानी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने जैसे कई अहम फैसले किए।
मंहगाई भत्ता 17 प्रतिशत से बढाकर 28 प्रतिशत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिए गये। केन्द्रीय कर्मचारियों तथा पेंशन भोगियों का मंहगाई भत्ता 17 प्रतिशत से बढाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया है। यह इस माह की पहली तारीख यानी 1 जुलाई से प्रभावी माना जाएगा।
किस्त रोक दी गई थीं
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कोविड महामारी के कारण पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए मंहगाई भत्ते की 1 जनवरी 2020, पहली जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 को दी जाने वाली किस्त रोक दी गई थीं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को DA की 3 किश्तें मिलनी बाकी हैं। इस फैसले से 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।
निर्यात शुल्क में रियायत जारी रखने का फैसला किया गया है
श्री ठाकुर ने बताया कि बैठक में कपड़ा तथा परिधानों पर केन्द्र और राज्य की ओर से लगाए जाने वाले करों तथा इन पर लगने वाले निर्यात शुल्क में रियायत जारी रखने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि यह योजना 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी। इससे वैश्विक बाजारों में भारतीय कपडों और परिधानों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और वे ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे स्टार्ट-अप और उद्यमियों को अपने उत्पाद निर्यात करने के बेहतर अवसर मिलेंगे जिससे लाखों नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
देश की जहाजरानी कपंनियों को सब्सिडी देने का भी फैसला
श्री ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा जारी की जाने वाली वैश्विक निविदाओं में सफल रहने के लिए देश की जहाजरानी कपंनियों को सब्सिडी देने का भी फैसला
किया है। भारतीय जहाजरानी कंपनियों के ऐसे जहाजों को जो फ्लैगिंग के वक्त दस वर्ष से कम समय के लिए परिचालन में रहे हों, उन्हें 15 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। दस से बीस वर्ष की परिचालन अवधि वाले जहाजों को दस प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पांच साल बाद सब्सिडी की इस व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।
श्री ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने न्यायपालिका के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास से जुडी केन्द्र प्रायोजित योजना को 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक जारी रखने का फैसला किया गया है। इस पर आने वाली कुल नौ हजार करोड़ रुपये की लागत में केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी पांच हजार 357 करोड़ रुपये की होगी।
राष्ट्रीय आयुष मिशन को जनवरी 2021 से बढाकर मार्च 2026 तक करने की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन को जनवरी 2021 से बढाकर मार्च 2026 तक करने की मंजूरी दी है। इससे सरकारी खजाने पर चार हजार 607 करोड रूपए से अधिक का बोझ पडेगा। इसमें केन्द्र की हिस्सेदारी तीन हजार करोड रूपए और राज्यों की हिस्सेदारी एक हजार 607 करोड़ रूपए होगी।
श्री ठाकुर ने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर लोक चिकित्सा संस्थान का नाम बदलकर पूर्वोत्तर आयुर्वेद और लोक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान रखने की भी मंजूरी दी है। इसके साथ संस्थान के गठन से जुडे नियमों में भी बदलाव किए जाने को मंजूरी दी गई है। आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान के लिए संस्थान में आयुर्वेद शिक्षा को शामिल करना पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा।