अल्मोड़ा: बजट के अभाव में जीवनदायिनी के पहिए थमने की कगार पर, डेढ़ माह से कर्मचारियों को नहीं हुआ है वेतन भुगतान

अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है । लंबे समय से खुशियों की सवारी और 108 को संचालित कर रही कंपनी को विभाग की ओर से बजट जारी नहीं हुआ है। बजट जारी नहीं होने के चलते अब खुशियों की सवारी के पहिए थमने की कगार पर पहुंच गए हैं।

दो साल बाद बीते साल सितंबर में खुशियों की सवारी का फिर संचालन शुरू हुआ था

जल्द बजट जारी नहीं होने पर खुशियों की सवारी और 108 वाहनों के पहिए जाम हो सकते हैं।
दरअसल, दो साल बाद बीते साल सितंबर में खुशियों की सवारी का फिर संचालन शुरू हुआ था। उसके बाद जिले में साल भर में इस योजना का 5845 मरीज लाभ ले चुके हैं। जिसमें अकेले 3237 गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए घर से अस्पताल और अस्पताल से घर नि:शुल्क सेवा दी जा चुकी है। सेवा शुरू होने से खासकर दूरस्थ इलाकों की गर्भवतियों को काफी लाभ मिल रहा है, लेकिन अब इस सुविधा के लिए संचालित वाहनों के पहिए थमने के कगार पर पहुंच गए है। सूत्रों ने बताया कि बीते फरवरी माह से विभाग की ओर से कंपनी को बजट जारी नहीं हुआ है। इस वजह से वाहनों में ईंधन तक डालने के लिए भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

अब बजट के अभाव में पहिए थमने की कगार पर

9 खुशियों की सवारी और 22, 108 वाहनों जिले में
जिले भर में 9 खुशियों की सवारी का संचालन होता है। जिसमें गर्भवतियों को अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल लाने से घर पहुंचाने तक की निशुल्क सुविधा दी जाती है। वहीं 22, 108 वाहनों का संचालन होता है। जिसमें आपातकाल के समय मरीजों को काफी लाभ होता है। लेकिन अब बजट के अभाव में पहिए थमने की कगार पर हैं।

डेढ़ माह से कर्मचारियों को नहीं हुआ है वेतन भुगतान

बजट नही मिलने से जहां वाहनों के पहिए थमने की कगार पर पहुंच गए हैं। वहीं, दूसरी और कर्मचारियो ने बताया कि बजट के अभाव में डेढ़ माह से वेतन का भुगतान नही हुआ है।

कंपनी अन्य माध्यमों से बजट की व्यवस्था कर संचालन कर रही है

108 जिला प्रभारी लोकेश जोशी विभाग की ओर से बीते फरवरी से कंपनी को बजट का भुगतान नहीं हुआ है। इस कारण कंपनी को इन सेवाओं के संचालन में परेशानी झेलनी पड़ रही है। कंपनी अन्य माध्यमों से बजट की व्यवस्था कर संचालन कर रही है।