जिला अध्यक्ष संजय साह रिक्खू के नेतृत्व में सस्ता गल्ला के विक्रेताओं ने एक बैठक का आयोजन किया । इसके बाद सभी डीलरों ने नंदा देवी परिसर से बाजार में जुलूस निकालकर जिला पूर्ति कार्यलय पहुंचे। वहीं बाड़ेछीना, रानीखेत, जाल्ली, मांसी में डीलरो द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिया गया ।
विक्रेताओं के हितो की लगातार उपेक्षा के कारण विक्रेता आहत
ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के सभी विक्रेता अपना कार्य पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कर रहे है और करना चाहते है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार एवं शासन नहीं चाहता है कि सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता अपना कार्य निष्ठा एवं ईमानदारी से करें क्योंकि बार-बार अनुरोध के पश्चात भी सरकार एवं शासन विक्रेताओं को उचित मांगो की लगातार उपेक्षा कर उनके हितों की अवहेलना कर रहा है तथा रोज रोज नए नियमों को लागू कर उनका उत्पीड़न कर रही है । विक्रेताओं के हितो की लगातार उपेक्षा के कारण विक्रेता आहत है तथा अपना तथा अपने परिवार का पालन पोषण करने में अपने को असमर्थ पा रही है । हमारी मांगे इस प्रकार है
विक्रेताओं की मांग
1- पर्वतीय क्षेत्र के प्रत्येक विक्रेता को उचित एवं सम्मानजनक मानदेय स्वीकृत किया जाय।
2. जब तक पर्वतीय क्षेत्र की नेट कनेक्टिविटी की पूरी व्यवस्था नहीं हो जाती तथा शासन द्वारा नेट-खर्च स्वीकृत नहीं किया जाता तब तक सम्पूर्ण पर्वतीय क्षेत्र को बायोमेट्रिक कार्य से मुक्त रखा जाये।
3. विक्रेताओं का खाद्यान का लाभंस बढ़ाया जाये तथा राज्य खाद्य योजना में भी कन्द्रीय खाद्य योजना के बराबर लाभांश दिया जाय।
4. प्रत्येक राजकीय खाद्य भण्डार मे धर्मकोटा स्थापित किया जाये तथा 100 प्रतिशत खाद्यन तोलकर दिया जाए या खाद्यान्न के बोरे में नेट वजन सुनिश्चित किया जाय।
5.प्रत्येक विक्रेता का सामूहिक जीवन बीमा शासन द्वारा कराया जाए ।
6.राजकीय खाद्यान्न भंडार से दुकान के किराए भाड़े में प्रतिवर्ष संशोधित भाड़े का शासनादेश जारी है । लेकिन बार बार के अनुरोध के पश्चात भी विगत कई वर्षों से विभाग द्वारा इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई है ।जबकि डीजल पेट्रोल आदि के भाड़े की कीमतों में चार गुना तक वृद्धि हो गई है । इससे विक्रेताओ को लगातर आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है ।
7.किसी भी विक्रेता की मृत्यु होने पर दुकान का लाइसेंस यदि उसके पारिवारिक जन प्रार्थना पत्र देते हैं । तो उसके परिवार को दिया जाए ।
8 . ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी विक्रेता का चयन ग्राम सभा की खुली बैठक में तथा नगर में समाचार पत्रों के माध्यम से किया जाता है तथा लाइसेंस साफ छवि व ईमानदार व्यक्ति को ही विभाग द्वारा पूरी छानबीन कर दिया जाता है । सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता भी एक सम्मानित व्यक्ति है अतः उसे कालाबाजारी करने वाला तथा भ्रष्ट न समझा जाय न ही सम्बोधित किया जाय। ऐसा करने के बजाय यदि शासन विभाग सिस्टम को दुरुस्त कर अपने विभाग की तरफ ध्यान देता तो आज विक्रेताओं की समस्या का समाधान हो गया होता ।
ये रहे मौजूद
ज्ञापन देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष मनोज वर्मा, प्रदेश सलाहकार दिनेश गोयल, प्रदेश संयोजक अभय साह,जिला अध्यक्ष संजय साह रिक्खू, जिला महामंत्री केशर खन्नी, दीपक साह, जिला अध्यक्ष नारायण सिंह, चंदन सिंह बिष्ट, आनंद सिंह, बिशन सिंह, महेंद्र सिंह रावत, नरेंद्र कुमार, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, हरीश सिंह, भगवत सिंह बोरा, भवान सिंह अधिकारी, देवेंद्र सिंह चौहान, पान सिंह सांगा, सूरज सिंह, मोहन चंद्र जोशी, उमेश सिंह, संदीप नंदा, लीला साह, पंकज कपिल, प्रमोद पवार, खष्टी पंत, हेमा पांडे, विपिन तिवारी,जगत सिंह, विनोद सिंह उपस्थित रहे ।