कुमाऊं भर में दिनों दिन वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रहीं है। लेकिन आग से निपटने के लिये वन विभाग के पास पर्याप्त संख्या में फील्ड कर्मचारी नहीं है। उत्तरी कुमाऊं वृत्त के चारों जिलों अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत में फील्ड अधिकारी और कर्मचारियों के 40 फीसदी पद रिक्त चल रहे हैं।
15 जून तक चलेगा फायर सीजन
दरअसल, 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू हो चुका है, जो 15 जून तक चलेगा। हालांकि मार्च अंतिम पखवाड़े से रूक-रूक हो रही बारिश से अब तक वनाग्नि की घटनाएं कम हुई हैं। लेकिन भीषण गर्मी के दो माह अभी बाकी है। ऐसे में वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिये वन विभाग के लिये चुनौती बन सकता है। जबकि कुमाऊं वृत्त के चारों जिलों में वनाग्नि से निपटने के लिये फील्ड स्टॉफ की लंबे समय से कमी बनी हुई है। उत्तरी कुमाऊं वृत्त में आने वाले अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत और पिथौरागढ़ में वन क्षेत्राधिकारी के 35 पदों के सापेक्ष पांच पद रिक्त है। वहीं डिप्टी रेंजर के 60 में से 20, वन दरोगा के 347 में से 180 और वन आरक्षी के स्वीकृत 473 में से 160 पद रिक्त चल रहे हैं। कुल 915 पदों के सापेक्ष 551 पदों पर तैनाती है। जबकि 365 पद रिक्त चल रहे हैं।
अब तक चार लाख से अधिक वन संपदा को नुकसान
फायर सीजन से अब तक कुमाऊं वृत्त के अंतर्गत चारों जिलो में 121 वनाग्नि की घटनाओं में 150 हेक्टेयर क्षेत्र आग की भेंट चढ़े हैं। जबकि 4 लाख 83 हजार की वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।
वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिये विभाग पूरी तरह अलर्ट
आकाश कुमार वर्मा, वन संरक्षक, उत्तरी-कुमाऊं वृत्त का कहना है कि वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिये विभाग पूरी तरह अलर्ट है। सूचना मिलने पर कर्मचारी मौके पर पहुंचकर आग पर नियंत्रण करने का पर्यास कर रहे है। रिक्त पदों को लेकर समय-समय पर उच्चाधिरियों को अवगत कराया जाता है।