अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा में आज सोमवार को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पार्षदों ने मिलकर ज्ञापन दिया।
की यह मांग
जिसमे बताया कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना अल्मोड़ा में हुई। इसके बाद अल्मोड़ा सहित आसपास के पर्वतीय जनपद के लोगों को लग रहा था कि अब उन्हें स्वास्थ्य लाभ एवं चिकित्सीय सुविधा अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में ही उपलब्ध हो पाएगी। लेकिन बड़े खेद का विषय है कि मेडिकल कॉलेज को संचालित हुए 5 साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है। हंस फाउंडेशन के डायलिसिस सेंटर से किडनी रोगी अपनी डायलिसिस करा रहे हैं। लेकिन हंस फाउंडेशन के डायलिसिस सेंटर में केवल 6 यूनिट होने के कारण दर्जनों किडनी रोगी अपनी डायलिसिस के लिए अभी भी हल्द्वानी या अन्यत्र जाने को मजबूर है।
दी यह चेतावनी
साथ ही मांग की है कि एक माह के भीतर अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में कम से कम दो दर्जन यूनिट का डायलिसिस सेंटर खोला जाए। कहा कि इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस सेवा प्रारंभ करने में कोई रुचि नहीं ली जाती है तो मजबूरन हमें मेडिकल कॉलेज के खिलाफ आंदोलन को लामबद्ध होना पड़ेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं सरकार की होगी।
रहें मौजूद
ज्ञापन देने में पार्षद वैभव पांडेय, दीपक कुमार,अनूप भारती चंचल दुर्गपाल,विकास कुमार,प्रदीप चंद्र आर्य,इंतिखाब कुरेशी,मुकेश कुमार(डैनी)गुंजन चम्याल व तुलसी देवी रहे।।