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सरकार युवाओं को खेलों के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के लिए हर साल खेल महाकुंभ का आयोजन कर रही है। जिसमें विभिन्न खेलों का आयोजन किया जा रहा है।
खेल महाकुंभ के प्रमाणपत्रो का नहीं मिल रहा लाभ-
हर साल खेल महाकुंभ के तहत न्याय पंचायत, विकासखंड और जिला स्तर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिसके तहत युवा कल्याण और खेल विभाग की ओर से विभिन्न आयु वर्ग की खेल प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं। इसके लिए हर साल लाखों रुपये का बजट भी जारी होता है। लेकिन इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को केवल मेडल व प्रशस्ति पत्र के अलावा कुछ नहीं मिलता।
खिलाड़ियों के लिए हो यह व्यवस्था-
वहीं खेल महाकुंभ के विजेताओं को जिला या राज्य स्तर पर दिए जाने वाले प्रमाण पत्र संबंधित के भविष्य में नौकरी या अन्य रोजगारपरक परीक्षाओं में औचित्यहीन साबित हो रही है। इस संबंध में खिलाड़ियों का कहना है कि खेल महाकुंभ के विजेताओं को दिए जाने वाले प्रमाण पत्र उनके करिअर में सहयोगी बने, सरकार को कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। इससे इन खेल प्रतियोगिताओं के प्रति युवाओं का रुझान और भी बढ़ सकता है।
खिलाड़ियों ने कही यह बात-
जिला या राज्य स्तर खेल महाकुंभ में मेडल जीतने के बाद मिलने वाले प्रशस्ति पत्र का कोई लाभ नहीं मिलता। सरकार को इन प्रमाण पत्रों को सरकारी जॉब के इंटरव्यू या किसी संस्थान में प्रवेश की वरियता के लिए प्रभावी करना चाहिए। – अंकित सिंह खिलाड़ी।

कई बार विभिन्न संस्थानों में खेल कोटे के तहत एडमिशन पाने के लिए खेल में मिले प्रमाण पत्र लगाते हैं, लेकिन महाकुंभ के प्रमाण पत्र मान्य नहीं होने से इसका लाभ नहीं मिल पाता है। इसका लाभ नौकरी और विवि में प्रवेश की वरियता में मिलना चाहिए। – मनीष कनवाल, खिलाड़ी।

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