आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा परिसर के गणित सभागार में कंप्यूटर विज्ञान एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में वास्तविक दुनिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फ़ॉर रियल वर्ल्ड)विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार के उदघाटन सत्र में कार्यक्रम अध्यक्ष रूप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री सुधीर बूड़ाकोटी, विशेषज्ञ रूप में प्रो.अजित कुमार (विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस, बी.के.आई.टी.,द्वाराहाट) एवं डॉ. कपिल केशरवानी (वैज्ञानिक सी, जी.बी.पंत इंस्टीट्यूट, कोसी कटारमल), सेमिनार की संयोजक डॉ. पारुल सक्सेना (कंप्यूटर साइंस विभाग), सह संयोजक डॉ. उमंग (विभागाध्यक्ष, सूचना एवं प्राद्योगिकी), प्रो.जया उप्रेती (विज्ञान संकाय), प्रो. गिरीश चन्द्र साह (अधिष्ठाता प्रशासन), प्रो इला साह (अधिष्ठाता छात्र कल्याण), प्रो. शेखर जोशी (अधिष्ठाता शैक्षिक),आयोजक सचिव डॉ.मनोज बिष्ट आदि ने संयुक्त रूप से किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम के उद्घटना सत्र में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया एवं सरस्वती चित्र पर पुष्पार्पण किया गया। विभाग की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया गया।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला
अध्यक्ष रूप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री सुधीर बूढ़ाकोटी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने तकनीकी क्षेत्र, शोध, शिक्षा आदि में इनका उपयोग करने पर बल दिया एवं इसकी आवश्यकता पर विशेष बल दिया।
अधिष्ठाता प्रशासन प्रो.जी. सी.साह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जीवन में सरलता आ गयी है। आज सामान्य छात्र भी इनका उपयोग कर सकता है। यह समय कृत्रिम बुद्धिमत्ता से युक्त है। उन्होंने आयोजकों को सराहा।उद्घाटन सत्र में सेमिनार की संयोजक डॉ.पारुल सक्सेना ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने वास्तविक दुनिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते प्रयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी अतिथियों का परिचय देते हुए स्वागत किया और सेमिनार के लक्ष्यों को प्रस्तुत किया।
डॉ उमंग ने अतिथियों का आभार जताया।
डॉ रवींद्र पाठक ने सेमिनार का संचालन किया।
विज्ञान, तकनीक, चिकित्सा, यातायात आदि में सभी जगह कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग बढ़ रहा है
उद्घाटन सत्र के उपरांत दो तकनीकी सत्र संचालित हुए। जिंसके पहले सत्र में विशेषज्ञ रूप में प्रो अजित कुमार (विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस, बी.के.आई टी,द्वाराहाट) दूसरे सत्र में डॉ.कपिल केशरवानी (वैज्ञानिक सी, जी बी पंत इंस्टिट्यूट, कोसी कटारमल) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते हुए प्रयोग को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि विज्ञान, तकनीक, चिकित्सा, यातायात आदि में सभी जगह कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग बढ़ रहा है। उन्होंने वैक्यूम एजेंट्स, गोल बेस्ड एजेंट्स, लर्निंग एजेंट्स आदि पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर विभाग के कार्यक्रम में प्रो. भीमा मनराल (संकायाध्यक्ष,शिक्षा संकाय), प्रो. के.सी.जोशी (संकायाध्यक्ष, वाणिज्य एवं प्रबंधन), प्रो.सोनू द्विवेदी (संकायाध्यक्ष, प्रो अनिल कुमार यादव (वानिकी विभाग), दृश्यकला), प्रो.इला बिष्ट (विभागाध्यक्ष, जंतु विज्ञान), डॉ. मुकेश सामंत (कुलानुशासक), डॉ.नंदन सिंह बिष्ट (निदेशक, NRDMS), डॉ मनोज बिष्ट (आयोजक सचिव), डॉ.आशीष मेहता (विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस),डॉ.देवेंद्र धामी, डॉ.सुभाष चन्द्र, डॉ.राम चन्द्र मौर्या, डॉ. रिजवाना सिद्धिकी, डॉ. जी.एस. पांडे, संयुक्त सचिव डॉ. सुशील चंद्र भट्ट, इंजी.रवींद्रनाथ पाठक, डॉ.प्राची जोशी, आयोजन समिति की इंजी.अर्पिता जोशी, इंजी.ललित प्रसाद,रेहान सिद्धिकी,के.एस. चौहान, बी. डी. वर्मा, हरीश, अनूप बिष्ट, कमल जोशी, मनोज सिंह, डॉ. राजेश राठौर, डॉ. दीपा काण्डपाल, माधवानंद, डॉ लक्ष्मी वर्मा, रवि कुमार, शेर सिंह बघरी, हेमा अवस्थी,डॉ शैली,डॉ ज्योति किरन, के. एन.पाठक आदि शामिल हुए।