अल्मोड़ा: आर्थो ओटी नहीं होने से मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन ठप

कुमाऊं के पर्वतीय जिलों का पहला मेडिकल कॉलेज सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान विशेषज्ञ डॉक्टरों और संसाधनों की कमी का दंश झेल रहा है। इस वजह से इलाज के लिए आज भी मरीजों को हल्द्वानी समेत महानगरों की दौड़ लगानी पड़ रहीं है। आलम यह है कि मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में आर्थों ओटी की सुविधा नहीं होने से तीन बार अस्पताल के चक्कर काटने के बाद हड्डी के ऑपरेशन के लिए मरीज को हल्द्वानी की दौड़ लगानी पड़ी।

संसाधनों और विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में पर्वतीय जिलों के मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा

दरअसल लंबे इंतजार के बाद बीते जनवरी माह में मेडिकल कॉलेज को एनएमसी की मान्यता मिली। जिसके बाद लोगों को लगा की अब उपचार के लिए हल्द्वानी या महानगरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। पर संसाधनों और विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में आज भी अल्मोड़ा समेत अन्य पर्वतीय जिलों के मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। दन्या से पहुंचे केशव दत्त जोशी ने बताया कि उनके पांच वर्षीय पुत्र के हाथ फैक्चर हो गया था। जिसके बाद तीन बार मेडिकल कॉलेज के चक्कर लगा दिए हैं। लेकिन अब डॉक्टर यहां ऑपरेशन के लिए मना कर रहे हैं। ऑटी नहीं होने से अब मजबूरन हल्द्वानी की दौड़ लगानी पड़ रहीं है।

कार्यदायी संस्था की ओर से ओटी तैयारी नहीं की गई है

डॉ. अजय आर्या, एमएस मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा का कहना है कि कार्यदायी संस्था की ओर से ओटी तैयारी नहीं की गई है। आर्थो ओटी नहीं होने से ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। कई बार एंजेसी को पत्र लिख चुके हैं। वहीं इंमरजेंसी ओटी में ऑपरेशन करने पर इनफेक्शन होने का डर था। इसी को देखते हुए मरीज को हल्द्वानी जाने को कहा गया। उम्मीद है कि सप्ताह भर में ओटी का निर्माण काम पूरा होगा, जिसके बाद यहां ऑपरेशन शुरू होंगे।