March 29, 2024

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अल्मोड़ा: इस्कॉन के मंदिरों में ‘हरि बोल’ नाम से सप्लाई होंगे पहाड़ के जैविक कृषि उत्पाद, मुंबई में राज्यपाल की मौजूदगी में हुई कई उत्पादों की हरि बोल के नाम से लॉचिंग

अल्मोड़ा: पहाड़ के जैविक कृषि उत्पादों को अब देश-विदेश में नई पहचान मिलेगी। इन जैविक उत्पादों की  इस्कॉन की ओर से खरीद की जाएगी। इस्कॉन इन उत्पादों को ‘हरि बोल’ के नाम से अपने सभी मंदिरों को सप्लाई करेगा।

रानीखेत के दीर्घायु हिमालयन ऑगेनिक्स के जैविक कृषि उत्पादों का इस्कॉन की ओर से हरि बोल नाम से लॉचिंग की गई

रविवार को मुंबई में हुए समारोह के दौरान रानीखेत के दीर्घायु हिमालयन ऑगेनिक्स के जैविक कृषि उत्पादों का इस्कॉन की ओर से हरि बोल नाम से लॉचिंग की गई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मौजूदगी में ये कार्यक्रम हुआ। दीर्घायु हिमालयन ऑगेनिक्स के निदेशक गोपाल उप्रेती ने बताया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के प्रयासों से ये कार्य हुआ है। इस्कॉन ने पर्वतीय जैविक कृषि उत्पादों को हरि बोल के नाम से अपने सभी मंदिरों में सप्लाई करने का निर्णय लिया है। इससे पहाड़ के किसानों को सही बाजार उपलब्ध हो सकेगा। गोपाल उप्रेती ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान उन्हें इस्कॉन मुंबई में सस्टेनेबल अग्रिकल्चर एंड ऑर्गेनिक फार्मिंग विषय पर अपने विचार रखने का मौका मिला। समारोह में  इस्कॉन के ब्रजविलास दास, गोपाल कृष्ण गोस्वामी महराज, गौरंगदास ,हरी बोल के सीईओ यचनीत पुष्करना ,आशीष चौहान, दीर्घायु हिमालयन ऑगेनिक्स के चेयरमैन टीसी उप्रेती समेत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लोग मौजूद रहे। इस दौरान उत्तराखंड के पहाड़ से पलायन रोकने पर गहन मंथन किया गया।

इन उत्पादों की हुई लॉचिंग

मुंबई में हुए समारोह में जखिया, हरी मिर्च पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, मडुवे का आटा, केल पाउडर, गिर गाय का घी, अचार, धनिया पाउडर, लखौरी मिर्च पाउडर, लहसुन का पाउडर, अदरक का पाउचर समेत करीब 15 से अधिक जैविक कृषि उत्पादों की हरी बोल नाम से लॉचिंग हुई।

एक प्रोसेसिंग यूनिट खोलेंगे

गोपाल उप्रेती ने बताया कि इस्कॉन की ओर से उत्तराखंड जैविक प्रोसेसिंग यूनिट खोली जाएगी। इस समय उत्तराखंड में जैविक उत्पाद विपणन के लिए अगल से मंडी नहीं है। काश्तकार अपने स्तर से उत्पादों की बिक्री करते हैं। भविष्य में काश्तकार इसी प्रोसेसिंग मंडी में जैविक उत्पाद क्रय करेंगे। इस्कॉन की ओर से पहाड़ में इजराइल तकनीक लायी जाएगी। इससे आड़ू, खुबानी, पुलम आदि जैविक उत्पादों पर स्प्रे कर उन्हें 20-25 दिन तक सड़ने से बचाया जाएगा। इस अवधि में ये उत्पाद मुंबई तक आसानी से पहुंच जाएंगे।