अल्मोड़ा: मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य राजनीति के माहिर खिलाड़ी के रूप में कार्य कर रहे हैं-महेश नयाल

भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री व जिला पंचायत सदस्य महेश नयाल ने आज एक प्रेस नोट जारी करके कहा कि जिस प्रकार मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के लिए है वो खेदजनक है मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य राजनीति के माहिर खिलाड़ी के रूप में कार्य कर रहे है, जबकि एक डॉक्टर होने के नाते उन्हें लोगो की जान बचाने के लिए कार्य करना था कोविड काल मे जहां बेस अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की आपसी गुटबाजी की वजह से कई लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिसके कई वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुई ।

जिस प्रकार का व्यवहार मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का था व आपत्तिजनक था

उत्तराखंड सरकार में मंत्री व अल्मोडा कोविड प्रभारी रेखा आर्या जी ने जब विकास भवन में कोविड समीक्षा बैठक ली, उस बैठक में एक जनप्रतिनिधि होने के नाते बैठक में रहने का अवसर मुझे भी प्राप्त हुआ था और बैठक में जिस प्रकार का व्यवहार मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का था व आपत्तिजनक था । बैठक में कही भी माननीय मंत्री रेखा आर्या जी ने कोई भी ऐसी बात नही की जिससे किसी के मान सम्मान को ठेस पहुचे,मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा सब गलत आरोप लगाए जा रहे हैं,
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के द्वारा केवल योजनाओं के लिए धन आवंटन करवाना व अपनी पसंद की एजेंसी को काम दिलवाने के लिए बात रखने के अलावा अन्य किसी चीज में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की दिलचस्पी नही थी ।

प्राचार्य पूर्व में दो बार अपने पद से इस्तीफा दे चुके है

यही प्राचार्य पूर्व में दो बार अपने पद से इस्तीफा दे चुके है, मेडिकल काउंसिल की टीम जब मेडिकल कॉलेज की सम्बद्धता के विषय मे अल्मोड़ा आयी थी उस समय भी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य हल्द्वानी में थे, जिस कारण से मेडिकल कॉलेज के कार्य लगातार प्रभावित रहता है।

प्रधानाचार्य अगर ईमानदारी से काम करते तो मरीजो के प्रति अपनी जिम्मेदारी का वहन करते

प्रधानाचार्य अगर ईमानदारी से काम करते तो मरीजो के प्रति अपनी जिम्मेदारी का वहन करते, लेकिन प्रधानाचार्य केवल और केवल निर्माण कार्य के लिए धन माँगना उनकी भूमिका में संदेह उत्पन्न करता है, सरकार द्वारा कभी भी कोविड के बचाव हेतु व अस्पताल में आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए धन की कमी नही आने दी,लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य के रूखे व तानाशाही व्यवहार से अस्पताल में रात दिन काम कर रहे डॉक्टर व कर्मचारियों की कार्यशैली में विपरीत असर पड़ा,
वही मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इसको दूरी ओर मोड़ रहे है, ऐसे अधिकारी का जनहित में स्थानांतरण होना चाहिए ।