March 30, 2023

Khabribox

Aawaj Aap Ki

अल्मोड़ा: घरेलू गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल,आटा, दाल और दवाईयों के दाम आसमान पंहुचाना क़्या अच्छे दिनों के पैकेज में था शामिल- राजीव कर्नाटक

 3,064 total views,  2 views today


अल्मोड़ा कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक ने आज जारी बयान में कहा कि वर्तमान में जनता की महंगाई से कमर पूरी तरह टूट चुकी है लेकिन सरकार केवल और केवल अपनी पीठ थपथपाने में मस्त है। अगर अनाज की बात करें तो दैनिक रूप से रोज उपयोग होने वाला आटा तीस रूपये किलो तक पहुंच चुका है। साधारण रूप से प्रयोग होने वाला शरबती चावल साठ रूपये किलो तक बिक रहा है। अरहर,मल्का की दालें अपनी रिकॉर्ड तोड़कर सौ रूपये किलो से ऊपर जा चुकी हैं। ऐसे में एक मध्यमवर्गीय,गरीब परिवार कैसे अपना गुजारा करेगा ये सोचनीय विषय है।

आम जनता पर पड़ रही है महंगाई की मार-

उन्होंने कहा कि घरेलू गैस सिलेंडर के दाम पूर्व में ही नौ सौ रूपये से ऊपर जा चुके हैं। पेट्रोल लगभग सैकड़े का आंकड़ा छू चुका है और डीजल नब्बे रूपये तक पहुंच चुका है। ऐसे में महंगाई की मार आम जनता पर ऐसे पड़ रही है कि उसके लिए अपने परिवार का भरण पोषण करना तक भारी पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि इसके साथ ही दवाईयों की कीमत में भी लगातार आठ से दस प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो रही है।जिन अच्छे दिनों का सपना दिखाकर भाजपा सत्ता में काबिल हुई थी वह अच्छे दिन जनता ने कहीं भी नहीं देखे। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार बेरोजगारों को हजारों नौकरियां देने की बात चीख चीख कर मंचों से कह रही है। परन्तु सच्चाई यह है कि आज रोजगार मिलना तो दूर लगातार लोगों के रोजगार छूट रहे हैं।महंगाई और बेरोजगारी की दोहरी मार जनता पर पड़ रही है।उन्होंने कहा कि यदि सरकार पेट्रोल,डीजल के मूल्य कम करके भी इन्हें स्थिर कर देती तो महंगाई कम होती और जनता को राहत मिलती।लेकिन लगातार घरेलू गैस सिलेंडर,पेट्रोल,डीजल,खाद्यान्न के दाम बढ़ाकर सरकार स्पष्ट कर रही है कि उसे आम जनता की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं रह गया है।

आम जनता के लिए बढ़ रही मुसिबते-

उन्होंने कहा कि घरेलू गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल,आटा, दाल,दवाईया आम जनता के दैनिक उपभोग की वस्तुएं हैं।इनके मूल्य कम कर इन्हें स्थिर कर सरकार ने जनता को राहत देनी ही चाहिए। आज की स्थिति में मध्यमवर्गीय की थाली से दाल तक छीनने का काम ये अच्छे दिनों की सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को मध्यमवर्गीय के लिए हमदर्दी दिखानी चाहिए। केवल स्कूलों में एल्बेन्डाजोल और कैल्शियम की गोली खिला देने से ही बच्चों को कुपोषण से नहीं बचाया जा सकता।सरकार को चाहिए कि दालों के दाम कम करे ताकि मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों के बच्चों को भी घर की थाली में दाल मिल सके।उन्होंने कहा कि क्या दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमत आसमान पहुंचाना भी अच्छे दिनों के पैकेज में शामिल था सरकार स्पष्ट करे।