अल्मोड़ा: UCC कानून से पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड़ का क्या होगा हित, इसके प्रावधानों पर सरकार स्पष्ट करें स्थिति- उलोवा

अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा में आज उत्तराखण्ड लोक वाहिनी की बैठक आयोजित हुई। जो उलोवा के अध्यक्ष राजीव लोचन साह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

यूसीसी को लेकर कहीं यह बात

इस बैठक में उत्तराखण्ड़ मे लागू (यूसीसी ) समान नागरिकता कानून पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। जिस पर कहा गया कि इससे पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड़ का क्या हित होगा। इसके प्रावधानों पर सरकार से मांग की गई कि वह स्थिति को स्पष्ट करें। जैसा कि कहा जा रहा है कि यूसीसी में यह कानून बनाया गया है कि यदि कोई व्यक्ति उत्तराखण्ड़ मे एक माह तक निवास करता है तो वह राज्य का स्थाई निवासी बन जायेगा। यह उत्तराखण्ड़ की डैमोग्राफी को बदलने वाला व मूल निवासियों के हितों को समाप्त करने वाला प्रावधान है। जैसा कि स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड़ के मैदानी जनपदों में पिछले दस सालों में जनसंख्या दोगुनी हो गई है। जिससे पहाड़ की विधानसभा सीटो पर प्रभाव पड़ना तय है। वही मैदानी जनपद के मूल निवासियों के हक भी प्रभावित होंगे। वाहिनी ने कहा है कि उत्तराखण्ड सरकार पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के प्रति उपेक्षित रवैया अपना रही है। जिस कारण राज्य के पहाड़ो से अनवरत पलायन जारी है। राज्य सरकार भू -कानून की बात तो कर रहा है पर कैसा भू -कानून वह कब तक ला रही है। इसे भी स्पष्ट किया जाना चाहिये।

रहें मौजूद

बैठक में यह भी तय किया गया है कि आगामी चार फरवरी को डा. शमशेर सिंह बिष्ट की जयन्ती पर एक संगोष्ठी की जायेगी। बैठक का संचालन पूरन चन्द्र तिवारी ने किया। बैठक में अजयमित्र बिष्ट , विशन दत्त जोशी वाहिनी के उपाध्यक्ष जंग बहादुर थापा  ,अजय मेहता , दयाकृष्ण काण्डपाल , आराध्य बिष्ट आदि मौजूद रह।