अल्मोड़ा: उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीक़ी परिषद के तत्वाधान में कार्यशाला का हुआ आयोजन

अल्मोडा  उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी परिषद के तत्वाधान आयोजित कार्यशाला “वैज्ञानिक शोध पत्र लेखन को मुख्य अतिथि कुलपति मुक्त विश्वविद्यालय प्रोफेसर औ० पी० एस नेगी द्वारा अपने उद्द्घाटन सत्र में यह स्पष्ट किया गया कि उत्तराखंड राज्य विज्ञान तकनीकी परिषद एवं एसएसजे विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित कार्यशाला आने वाले भविष्य में नवसृजित विश्वविद्यालय एवं शिक्षकों के लिए मील का पत्थर है।

स्थानीय शोध इस क्षेत्र एवं राज्य के लिए के लिए आवश्यक

प्रोफेसर दीपक पंत मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा इस इस बात पर प्रकाश डाला की स्थानीय शोध इस क्षेत्र एवं राज्य के लिए के लिए आवश्यक है। इसके लिए सकारात्मक सोच को शिक्षण संस्थाओं में लाया जाना परम आवश्यक है। उनके द्वारा स्थानीय पर्वतीय फल गलगल पर दिए गए अपने शोध पर प्रकाश डाला गया एवं उसकी व्यवहारिक उपयोगिता का उदाहरण दिया गया। शौर्षक पर कार्यशाला के चेयरमैन  प्रोफेसर ए० यादव द्वारा अपने शोध पत्र में शोध लेखन पर विस्तार से आख्या प्रस्तुत की। प्रोफेसर एन०डी०कांडपाल द्वारा व्याख्यान मालाओं की अध्यक्षता के साथ समीक्षा की गई।

मौजूद लोग

इस अवसर पर संयोजक कार्यशाला प्रोफेसर जया उप्रेती सह संयोजक डॉ उसंग कार्यशाला सचिव डॉ भुवन चन्द्रा सह सचिव डॉ आर सी मौयों के अतिरिक्त प्रोफेसर इला विष्ट प्रोफेसर जी० सी० साह, प्रोफेसर सबीना अमान, डॉ डी०एस० धामी, डॉ बलवंत कुमार, डॉ संदीप कुमार, डॉ राजेंद्र जोशी अल्मोडा परिसर से और सोमेश्वर महाविद्यालय से डॉ जगदीश प्रसाद, डॉ प्राची टम्टा एवं आंचल सती थे। जबकि कांडा महाविद्यालय से डॉ कैलाश टस्टा उपस्थित रहे। प्रतिभागियों में डॉ मनोज कुमार एवं डॉक्टर पास्ल सक्सेना के साथ 110 शोध छात्र एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन डॉ भुवन चंद्रा, सहायक प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग द्वारा किया गया।