बागेश्वर: औषधीय एवं सुगंध पौधों के उत्पादन से किसानों की आर्थिकी होगी मजबूत- डीएम

बागेश्वर से जुड़ी खबर सामने आई है। बागेश्वर में जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने किसानों एवं बागवानों को खेती और बागवानी के साथ साथ औषधीय पौधे के जरिए भी आर्थिकी को मजबूत करने की दिशा में मजबूत कदम उठाएं है।

गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन

जिस पर इस परिपेक्ष्य में शुक्रवार को जनपद के किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादन के लिए प्रेरित करने व उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से आतमा योजनान्तर्गत रोजमेरी एवं जड़ी-बूटी उत्पाद संवर्द्धन हेतु एक दिवसीय संवाद/गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गोष्ठी में रेखीय विभागों के अलावा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं व प्रगतिशील किसानों ने प्रतिभाग किया गया। संवाद कार्यक्रम में रोजमेरी एवं जड़ी बूटी उत्पाद संवर्धन के लिये किसानों को प्रोत्साहित किया गया।

प्रगतिशाील किसानों को किया सम्मानित

जिसमें शुक्रवार को विकासभवन में आयोजित गोष्ठी एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने जिले के उच्च हिमालयी एवं अन्य क्षेत्रों को सुगंध एवं औषधीय पौंधों के उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण बताते हुए इसे सीधे आजीविका से जोड़ने का माध्यम बताया। जिलाधिकारी ने कहा इसको लेकर मार्केटिंग की कोई समस्या नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने एरोमेटिक एवं मेडिसन प्लांट को समय की जरूरत बताते हुए अधिक से अधिक किसानों को औषधीय एवं सुगंध पौधों के उत्पादन में आगे आने का आह्वान किया। जिलाधिकारी ने विश्व स्तरीय मांग को देखते हुए इनकी खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत एक क्षेत्र विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती को अनउपजाऊ भूमि में सफलतापूर्वक की जा सकती है। इन फसलों को परम्परागत फसल चक्र में समाहित कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्होने प्रतिभागियों से अपील की कि इन फसलों की खेती के साथ-साथ वैल्यू-एडिशन में भी काम करें। उन्होंने अधिकारियों को रोजमेरी एवं जड़ी-बूटी उत्पाद संवर्द्धन के लिए विभिन्न योजनाओं के साथ कन्वर्जेंस के तहत कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि कॉस्मेटिक और मेडिकल इंडस्ट्रीज में भी औषधीय एवं सगंध पौधों की काफी मांग बढने लगी है,इसे भविष्य की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए इस दिशा में तेजी से कार्य करना सुनिश्चित करें। इस दौरान प्रगतिशाील किसानों को सम्मानित भी किया गया।

रहें मौजूद

गोष्ठी/संवाद कार्यक्रम में प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया, परियोजना निदेशि शिल्पी पंत, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, उद्यान अधिकारी आरके सिंह, कृषि अधिकारी राजेंद्र उप्रेती सहित अन्य रेखीय विभागों के अधिकारी, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं व प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।