‘बीटिंग द रिट्रीट’ 2022 समारोह आज, जानें क्या कुछ ख़ास होने वाला है इस बार

गणतंत्र दिवस समारोह के अंतर्गत शनिवार शाम 29 जनवरी यानि आज दिल्ली के विजय चौक पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह आयोजित किया जाएगा। इस बार ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह बेहद खास रहने वाला है क्योंकि समारोह में पहली बार 1,000 स्वदेशी ड्रोन से आसमान जगमगाएगा। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत इस समारोह की अवधारणा डिजाइन और कोरियोग्राफी की गई है।

पहली बार लेजर शो का आयोजन

10 मिनट के इस ड्रोन लाइट शो के जरिए आकाश में 75 सरकारी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा मेक इन इंडिया, आजादी का अमृत महोत्सव जैसे अभियानों को ड्रोन के जरिए आसमान में दर्शाया जाएगा। बीटिंग द रिट्रीट समारोह में पहली बार लेजर शो का आयोजन किया जाएगा।

आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए समारोह में कई नई धुनें जोड़ी गईं

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए समारोह में कई नई धुनें जोड़ी गई हैं। इनमें ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोग’ शामिल हैं। इस कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा…’ लोकप्रिय धुन के साथ होगा।

ड्रोन शो होगा प्रमुख आकर्षण

इस साल के ‘बीटिंग द रिट्रीट’ का प्रमुख आकर्षण नया ड्रोन शो होगा, जिसे आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में समारोह का हिस्सा बनाया गया है। ड्रोन शो का आयोजन स्टार्टअप ‘बोटलैब डायनेमिक्स’ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से करेगा।

दस मिनट के शो में 1,000 स्वदेशी ड्रोन

दस मिनट के शो में 1,000 स्वदेशी ड्रोन शामिल होंगे। ड्रोन शो के दौरान सिंक्रोनाइज्ड बैकग्राउंड म्यूजिक भी बजाया जाएगा। समारोह के अंत से पहले स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी होगा। लगभग 3-4 मिनट की अवधि के इस शो को नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की दीवारों पर प्रदर्शित किया जाएगा।

गणतंत्र दिवस परेड की तरह ही ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह के लिए पर्यावरण के अनुकूल निमंत्रण पत्र तैयार किए गए हैं। कार्ड को अश्वगंधा, एलोवेरा और आंवला के औषधीय पौधों के बीजों से तैयार किया गया है। लोगों को इसे अपने बगीचों, फूलों के गमलों में लगाने और सदियों पुराने औषधीय लाभों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

बीटिंग द रिट्रीट का क्या है इतिहास ?

‘बीटिंग द रिट्रीट’ उस समय से सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है, जब सूर्यास्त के समय बिगुलरों के पीछे हटने की आवाज देते ही सैनिक अपने हथियार बंद करके युद्ध से अलग हो जाते थे। यही कारण है कि पीछे हटने की आवाज के दौरान अभी भी खड़े होने की प्रथा आज तक बरकरार रखी गई है। रंग और मानक आवरण वाले झंडे सैनिकों के पीछे हटने पर उतारे जाते हैं।

ड्रमबीट्स उन दिनों को याद करते हैं जब शाम को नियत समय पर कस्बों और शहरों में सैनिकों को उनके क्वार्टर में वापस बुला लिया जाता था। इन सैन्य परंपराओं के आधार पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह बीते समय की पुरानी यादों का माहौल बनाता है। सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।