जम्मू-कश्मीर में 03 अगस्त की सुबह सेना का एक हेलीकॉप्टर ध्रुव एएलएच मार्क-4 कठुआ के नजदीक रंजीत सागर बांध के पास क्रैश हो गया था। इस हादसे में पायलट और को-पायलट के शहीद होने की खबर सामने आई थी। हादसे के बाद 15 अगस्त को लेंफ्टिनेंट कर्नल एएस बाठ का शव बांध से रिकवर कर लिया था। वहीं अब 76 दिनों बाद दूसरे पायलट जयंत जोशी का शव झील से बरामद कर लिया गया है।
भारतीय सेना का हेलीकॉप्टर बांध से टकरा गया था
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि रणजीत सागर बांध में दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के दूसरे पायलट का शव 76 दिनों के बाद बरामद किया गया है। 3 अगस्त को भारतीय सेना का एक हेलीकॉप्टर बांध से टकरा गया था। डिफेंस पीआरओ से मिली जानकारी के मुताबिक 3 अगस्त को दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के दूसरे पायलट कैप्टन जयंत जोशी के शव को निकालने के लिए दिन-रात 75 दिनों तक सेना और नौसेना द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे थे और आखिरकार उनका शव बरामद कर लिया गया है।बांध के विशाल विस्तार और गहराई के कारण खोज और बचाव दल झील के तल को स्कैन करने के लिए अत्याधुनिक मल्टी-बीम सोनार उपकरण का उपयोग कर रहा था और प्राप्त इनपुट के आधार पर पेशेवर गोताखोरों के साथ रोबोटिक आर्म वाले दूरस्थ रूप से संचालित वाहन को क्षेत्र की खोज के लिए लॉन्च किया गया था। पायलट का शव दोपहर करीब 2 बजे बांध से बाहर निकाला गया। आश्चर्य की बात यह है कि शव की स्थिति काफी ठीक हालत में थी। उनका चेहरा पहचाना जा रहा था। शरीर पर वर्दी भी थी। इसकी वजह रणजीत सागर डैम में ग्लेशियर का पानी आता है जो काफी ठंडा होता है। पायलट के पार्थिव शरीर को पठानकोट सेना अस्पताल में रखा गया है। वहां औपचारिकताओं के बाद सम्मान के साथ शव को उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा। शव के मिलने से कैप्टन जयंत के शोक संतप्त परिवार को उनके अंतिम दर्शन हो पाएंगे और वह विधिवत अंतिम संस्कार कर सकेंगे।
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