पूरे दुनिया में तांडव मचाने के बाद अब कोरोना वायरस का खतरा कम हो गया है। जिसके बाद अब नया वायरस बड़ी परेशानी बन गया है। इस वायरस का नाम है मंकीपॉक्स। पूरी दुनियाभर में अब मंकीपॉक्स बीमारी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अभी भारत में इसका कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे लेकर ‘नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल’ और ‘इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ को अलर्ट रहने के लिए कहा है।
12 देशों में मिले मंकीपॉक्स के मरीज-
वहीं ताजा रिपोर्ट के अनुसार अभी तक दुनिया भर में मंकीपॉक्स के 92 मरीज मिल चुके हैं। हालांकि इससे अब तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि मंकीपॉक्स के मामले 12 देशों में मिले हैं। WHO के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, यूके और यूएस में मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि मंकीपॉक्स के मामलें और बढ़ सकते हैं। जिसपर WHO नजर बनाये हुए हैं।
WHO की चेतावनी-
मंकीपॉक्स यह किसी संक्रमित व्यक्ति के पास संपर्क में आने से फैलता है, इसलिए इसे सेल्फ आईसोलेशन और स्वच्छता जैसे उपायों के माध्यम से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। मंकीपॉक्स आमतौर पर एक आत्म-सीमित बीमारी है, और अधिकांश संक्रमित लोग बिना इलाज के कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। हालांकि, यह रोग ज्यादा गंभीर हो सकता है, विशेष रूप से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और ऐसे व्यक्तियों में जिनमें इम्यूनिटी की कमी होती है।यह वायरस त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है। मानव-से-मानव में ये आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के जरिए ही फैलता है। पशु से इंसानों में ये काटने या खरोंच के फैल सकता है। वहीं अब WHO ने कहा, ‘उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि मानव-से-मानव संचरण उन लोगों के बीच हो रहा है जो रोगसूचक मामलों के साथ निकट शारीरिक संपर्क में हैं।’
मंकीपॉक्स के लक्षण-
मंकीपॉक्स से संक्रमित ज्यादातर मरीजों में बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगने और थकान के लक्षण देखे गए हैं। गंभीर मामलों में मरीजों के चेहरे, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर चकत्ते व दाने भी निकल सकते हैं। मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और पीठ दर्द शामिल हैं। मरीजों में आमतौर पर बुखार आने के एक से तीन दिन बाद दाने निकल आते हैं। यह अक्सर चेहरे से शुरू होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है, जैसे हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों में। इन दानों में खुजली भी होती है। संक्रमण आमतौर पर दो से चार हफ्ते तक रहता है और आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है।
मंकीपॉक्स से बचाव के इलाज-
मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं। बताया गया है कि जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें कमरे में अलग किया जा सकता है। रोगियों को अलग करने के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थान और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट का उपयोग करके हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स द्वारा निगरानी की जाती है। हालांकि, चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं।