आज दिनांक 17/04/2022 को देहरादून में समस्त पेयजल योजनाओं के संविदाकार एकत्रित हुए एवं उनके द्वारा मुख्य तीन बिंदुओं में निर्णय किए गए। प्रधानमंत्री का 2024 जल जीवन मिशन उत्तराखंड पेयजल निगम के रजिस्टर्ड संविदाकारों द्वारा पेयजल योजनाओं (जल जीवन मिशन, वर्ल्ड बैंक, अमृत, राज्य सेक्टर) को सफलतापूर्वक पूर्वक पूर्ण कर प्रधानमंत्री के उद्देश्य को पूरा करना है।
कुमाऊं मंडल का प्रतिनिधित्व शिवराज सिंह बनौला ने किया
पेयजल योजनाओं में प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री विभागीय दरों एवं बाजार दरों में आई सुनामी के समय प्रधानमंत्री के उद्देश्य को ध्वस्त कर दिया है। राज्य सरकार से इस आपदा में राहत घोषित कराने हेतु बैठक आयोजित की गई। जिसमें कुमाऊं मंडल का प्रतिनिधित्व शिवराज सिंह बनौला ने किया।
राज्य सरकार से 30% एस्कलैशन की मांग
पहला मुख्य बिंदु यह है कि योजनाओं में प्रयुक्त होने वाली सामग्री के बाजार भाव में आई सुनामी में राज्य सरकार से 30% एस्कलैशन की मांग (जैसे सेंटर विभाग एवं उत्तर प्रदेश सरकार में) प्रावधान है। जो निविदाएं 2019-20 एवं 2021 में आवंटित हुई हैं और आगे की निविदाएं तभी की जाएं जब दरों को बढ़ा लिया जाए।
थर्ड पार्टी का उत्पीड़न विभाग की असक्षमता को दर्शाता है
दूसरा मुख्य बिंदु यह है कि थर्ड पार्टी जिसके लिए विभाग द्वारा 25% रोका जाता है। जबकि थर्ड पार्टी कार्य कराते समय उनका उपलब्ध न होना तथा कार्य होने के बाद टीम आती है। जिसका कोई औचित्य नहीं है। थर्ड पार्टी के नियमावली बनेगी काम के 15 दिन के अंदर रिपोर्ट कार्यालय भेजें। क्योंकि 18 माह बीत जाने पर भी अभी तक भुगतान नहीं हो पा रहे हैं। जबकि निविदा में पाइप के ब्रांड सीमेंट, सरिया सभी के ब्रांड खुले होते हैं। थर्ड पार्टी पर आकर मैट्रियल आता है।विभाग द्वारा भी टेस्टिंग कराई जाती है।ऐसे में थर्ड पार्टी का औचित्य नहीं है। अगर रोका जाना भी है तो 10% राशि रोकी जाए एवं थर्ड पार्टी टीम 15 दिन में रिपोर्ट दें। थर्ड पार्टी का उत्पीड़न विभाग की असक्षमता को दर्शाता है।
कोविड-19 से राहत प्रदान की तिथि को सेन्ट्रल गवर्नमेंट द्वारा 31 मार्च 2023 तक बड़ा दिया
तीसरा मुख्य बिंदु यह है कि सेंट्रल गवर्नमेंट के सीईओ जिसमें सिक्योरिटी/एडिशनल सिक्योरिटीयों बीड सिक्योरिटी में कोविड-19 से राहत प्रदान की गई है। जिसे सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा 31/3 /2023 तक बढ़ा दिया गया है। जबकि उत्तराखंड सरकार उसे मानने को तैयार नहीं है जबकि उत्तर प्रदेश में लागू है।
पीड़ा का संज्ञान नहीं लिया गया तो मजबूरन कार्य करना पड़ेगा बंद
कांट्रेक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं समस्त कांट्रेक्टर द्वारा उपरोक्त तीनों बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया एवं निर्णय लिया गया कि हमारी मांगे पूरी होने तक अग्रिम समस्त निविदाओं का बहिष्कार किया जाएगा। शासन प्रशासन के द्वारा हमारी पीड़ा का संज्ञान नहीं लिया जाता है तो हमें मजबूरन कार्य बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा। जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व विभाग का होगा।
बैठक में मौजूद रहे
अध्यक्ष अमित अग्रवाल, उपाध्यक्ष सचिन मित्तल, उपाध्यक्ष नरेंद्र काल, महासचिव सुनील गुप्ता, सचिव कपिल गुप्ता, कोषाध्यक्ष सौरभ गोयल, मीडिया प्रभारी रामचंद्र कनौजिया, लीगल मुबारक अली आदि लोग बैठक में मौजूद रहे।