अल्मोड़ा: क्षेत्रों से लेकर शहर तक पेयजल समस्या, मुश्किल में उपभोक्ता

गर्मी के कारण जहां मुख्यालय के पेयजल उपभोक्ताओं के पेयजल संयोजनों में जहां पानी की रफ्तार कम होती जा रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जबर्दस्त पेयजल संकट बना हुआ है। इससे ग्रामीणों की दिनचर्या ही प्रभावित हो चली है। संकटग्रस्त इलाकों में पेयजल वितरण के लिए जल संस्थान हर संभव कोशिश में जुटा है।

कई स्थानों पर जल संस्थान के टैंकरों से हो रही आपूर्ति

मुख्यालय के आसपास के गांवों लोधिया, खत्याड़ी, पहल, सैनार, चितई, पेटशाल, बाड़ेछीना, तोली-बरतोली, जलना, लमगड़ा, शहरफाटक, मोतियापाथर, ताकुला, बल्टा, कसारदेवी, ज्योली, बर्शिमी आदि गांवों के लोग इन दिनों पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। इन क्षेत्रों में से कई में तो जल संस्थान टैंकरों से पानी उपलब्ध करा रहा है, मगर इसका लाभ सड़क किनारे बसे लोगों को ही मिल पा रहा है।

गांव के नौले व धारों में सुबह उमड रही भीड़

वहीं दूर बसे गांवों के लोग नौलों पर ही निर्भर हैं। जिला मुख्यालय के थपलिया, जिला पंचायत परिसर, जोशीखोला, नरसिंहबाड़ी, दुगालखोला, खगमराकोट, नयालखोला, डुबकिया, विवेकानंदपुरी, कनौली, सेलाखोला, जौहरीबाजार आदि क्षेत्रों में भी तय समय तक जलापूर्ति नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पूर्व जिलापंचायत सदस्य कृष्ण सिंह बिष्ट ने क्षेत्र में निर्धारित समयावधि में पेयजल आपूर्ति की मांग की

इधर बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृष्ण सिंह बिष्ट ने मुख्यालय क्षेत्र के लोगों को निर्धारित समयावधि तक पेयजल आपूर्ति करने की मांग विभागीय उच्चाधिकारियों से की है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या के समाधान को कारगर योजना तैयार किए जाने पर बल दिया है। इधर जल संस्थान के विभागीय टैंकरों से शुक्रवार को बल्टा, न्यू ब्वायज हॉस्टल, ज्योली, लोधिया व बर्शिमी क्षेत्र में पेयजल वितरित किया गया। इधर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता केएस खाती का कहना है कि अगले 25 दिनों के भीतर पेयजल समस्या के समाधान को कारगर उपाय किए जा रहे हैं।