लोक सभा में सोमवार को चुनाव अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2021 पेश किया गया। केन्द्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने आज सदन में विधेयक को पेश किया। विधेयक में कई संशोधनों के साथ आधार को मतदाता सूची से जोड़ना है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आधार और मतदाता सूची को आपस में जोड़ना देशहित में है।
नए कानून में क्या है…
सैन्य मतदाताओं के लिए चुनाव संबंधी कानून को लैंगिक निरपेक्ष बनाया जाएगा।फिलहाल किसी भी सैन्यकर्मी की पत्नी को सैन्य मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की पात्रता है।हालांकि महिला सैन्यकर्मी का पति को पंजीकरण कराने की पात्रता नहीं है।विधि मंत्रालय से निर्वाचन आयोग ने सैन्य मतदाताओं से संबंधित प्रावधानों में ‘पत्नी’ शब्द को बदलकर ‘स्पाउस’ (जीवनसाथी) करने को कहा था।
कट ऑफ तिथि
युवाओं को मतदाता के रूप में प्रत्येक वर्ष चार तिथियों के हिसाब से पंजीकरण कराने की अनुमति देने की बात एक अन्य प्रावधान में कही गई है।फिलहाल मतदाता के रूप में एक जनवरी या उससे पहले 18 वर्ष के होने वालों को ही पंजीकरण कराने की अनुमति दी जाती है।आयोग ने केंद्र सरकार से कहा था कि एक जनवरी की ‘कट ऑफ तिथि’ के कारण अनेक युवाओं का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाता।आयोग का तर्क था कि युवाओं को पंजीकरण कराने के लिए अगले वर्ष का इंतजार करना पड़ता था।संशोधन में मतदाता पंजीकरण के लिए हर वर्ष चार ‘कट ऑफ तिथियों’-एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई तथा एक अक्टूबर- रखने का प्रस्ताव है।
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