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आज हम स्वास्थ्य से संबंधित फायदों के बारे में आपको बताएंगे। पानी पीना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। पानी पीने से बहुत से रोग खत्म होते हैं। पानी शरीर का प्रमुख रासायनिक घटक है और शरीर के वजन का लगभग 50% से 70% हिस्सा इसी से बनता है। शरीर जीवित रहने के लिए पानी पर निर्भर है। शरीर की हर कोशिका, टिश्यू और अंग को ठीक से काम करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
जानें पानी पीने के सही तरीके-
✓ आयुर्वेद में बताया गया है कि पानी, शरीर के तापमान से ठंडा नहीं होना चाहिए। गर्मियों में बहुत से लोग घर पहुंचते ही पानी पी लेते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
✓ बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से शरीर में कमजोरी आ जाती है। साथ ही हार्ट अटैक, किडनी फेल आदि का खतरा बढ़ जाता है।
✓ रात को पानी तांबे के बर्तन में रख दीजिए और सुबह होने पर इसे पिएं। 90 दिन तक ऐसा करें। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही आगर आप मुंहासों, दानों या त्वचा संबंधी किसी भी रोग से ग्रसित है तो यह उससे भी निजात दिलाता है।
✓ हो सके तो सीधे बोतल से पानी पीने से बचें और गिलास में ही पानी डालकर पिएं।
✓ सुबह उठने के बाद दो गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए। जो शरीर की अंदरूनी ऊर्जा को एक्टिवेट करता है।
✓ भोजन करने से करीब आधा घंटा पहले दो गिलास पानी पीना चाहिए, इससे खाना आसानी से पचता है। भोजन करने के आधे घंटे तक पानी के सेवन से बचें।
✓ नहाने से आधा घंटा पहले पानी पीने से ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती।
✓ सोने से पहले आधा गिलास पानी पिएं। ऐसा करने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।
✓ कसरत करने से पहले और बाद में एक गिलास पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती। साथ ही कसरत के बाद जो पसीना आता है पानी उसकी कमी पूरी करता है।
✓ हमेशा रूम टेंपरेचर पर रखा हुआ सादा पानी ही पिएं। आप चाहें तो हल्का गुनगुना पानी भी पी सकते हैं लेकिन बर्फ वाला बहुत अधिक ठंडा पानी बिलकुल न पिएं।
✓ भोजन करने के बाद 1-2 घूंट पानी पिएं, ज्यादा नहीं। अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद बहुत अधिक पानी पिएंगे तो पाचन क्रिया के लिए पेट में जगह ही नहीं होगी। हमेशा याद रखें कि अपने पेट को 50 प्रतिशत भोजन से भरें, 25 प्रतिशत पानी से और 25 प्रतिशत खाली जगह रखें।
✓ आजकल बहुत से लोग पानी पीने के लिए फोन में अलार्म लगाकर रखते हैं और हर 1-2 घंटे में पानी पीते रहते हैं। लेकिन आयुर्वेद कहता है कि जब आपको प्यास लगे, जब पानी की जरूरत महसूस हो सिर्फ तभी पानी पिएं। प्यास लगने का मतलब है कि शरीर को पानी की जरूरत है।
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