Health tips: एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत दिलाएंगे ‌यह योगासन, जानें

आज हम स्वास्थ्य से संबंधित फायदों के बारे में आपको बताएंगे। एसिडिटी एक आजकल लगभग हर व्यक्ति की समस्या बन गयी है क्योंकि,लोगों को आए दिन पेट से जुड़ी समस्याएं महसूस होती हैं और एसिडिटी और गैस जैसी परेशानियों के चलते लोगों को रोजमर्रा के छोटे-मोटे काम करने में भी मुश्किलें आ सकती हैं।

🌟एसिडिटी की सबसे बड़ी वजह है खाने-पीने से जुड़ी आदतें। लोग अब घर का बना और ताजा खाना खाने की बजाय पैकेटबंद और इंस्टैंट फूड्स को ज्यादा अहमियत देते हैं। रिफाइंड, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन करने से लोगों को ना केवल पोषक तत्वों की कमी हो सकती है बल्कि इससे पेट की समस्याएं (digestive problems) भी हो सकती है। लेकिन इन समस्याओं से परेशान लोगों को योग की मदद से आराम मिल सकती है।

🌟आइए जानें-

🙏वज्रासन-

वज्रासन पेट गैस की समस्या को दूर लिए योगासन(pet ki gas ke liye yoga) मे प्रमुख हैं। यह आसन पेट और आंत में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और भोजन को प्रभावी ढंग से पचाने में मदद करता है जिससे एसिडिटी, गैस और अपच जैसी समस्याएं नहीं होती। अगर आपका डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर है, तो इस आसन का अभ्यास आपको हर रोज करना चाहिए। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।

🙏पश्चिमोत्तानासन-

पश्चिमोत्तानासन या फॉरवर्ड बेंड पोज़ पेट के अंगों को स्वस्थ रखने के लिए एक लाभकारी योगासन है। यह मुद्रा न केवल अंगों को ठीक तरह से काम करने और पाचन समस्याओं का इलाज करने में मदद करती है बल्कि मासिक धर्म चक्र को भी विनियमित करने में कारगर है। इसके नियमित अभ्यास से आपको टमी फैट को कम करने में भी मदद मिल सकती हैं। यह आसन कमर, कूल्हे, बाजू, कंधों और एब्डोमेन एरिया को स्ट्रेच करके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।

🙏बालासन-

बालासन एक रेस्टिंग पोज़ है। यह पाचन प्रणाली को आराम देता है और एसिडिटी से राहत देने में मदद करता है। जब आप इस आसन में होते हैं, तो आपके पेट के अंगों को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है और ये मजबूत होते हैं। बालासन तनाव और थकान को कम करके कूल्हों, जांघों और टखनों को स्ट्रेच करता है।

🙏पवनमुक्तासन-

पवनमुक्तासन का नियमित अभ्यास बोवेल मूवमेंट्स को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों और पूरे एब्डोमेन एरिया को स्ट्रेच करने में मदद करता है। भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करने के अलावा यह डाइजेस्टिव सिस्टम से टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालने में मदद करता है।

🙏अर्धमत्स्येन्द्रासन-

शरीर को ट्विस्ट करना डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए सबसे अच्छा डिटॉक्स है। यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है। साथ ही यह आपके पाचन तंत्र में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है और एसिडिटी को कम करता है।

🙏कपाल भाती प्राणायाम-

यह प्राणायाम मोटापा, पेट से जुड़ी समस्या, पाचन विकार और पेट से संबंधित कई अन्य विकारों को ठीक करने के लिए अच्छा है। इसमें आप अपनी ब्रीदिंग और इंद्रियों पर फोकस करते हैं। यह प्राणायाम शरीर को शांत करता है और पाचन मे सुधार करता है।