महाकाली नदी पर पंचेश्वर बिजली संयंत्र परियोजना की डीपीआर को अंतिम रूप देंगे भारत-नेपाल, 6,480 मेगावाट की है क्षमता

देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू करवाते रहते हैं। लेकिन अब नेपाल और भारत सीमावर्ती महाकाली नदी पर प्रस्तावित 6,480 मेगावाट क्षमता की पंचेश्वर बिजली परियोजना से संबंधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप देने के लिए विशेषज्ञों की बैठक करने पर सहमत हो गए हैं।

पंचेश्वर विकास प्राधिकरण की शासकीय परिषद की बैठक के दौरान बनी सहमति

एक रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के पोखरा में गुरुवार और शुक्रवार को आयोजित पंचेश्वर विकास प्राधिकरण की शासकीय परिषद की बैठक के दौरान इस पर सहमति बनी। नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय के प्रवक्ता मधु भेटुवाल के हवाले से कहा गया कि इस बैठक में विशेषज्ञों के दल का मार्च में समाप्त हो चुका कार्यकाल आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना महाकाली नदी पर विकसित की जाने वाली एक द्वि-राष्ट्रीय जलविद्युत परियोजना

उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) पर मतभेदों को दूर करने और डीपीआर को अंतिम रूप देने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए 10 दिनों के भीतर विशेषज्ञों की टीम की अगली बैठक आयोजित करने पर भी सहमत हुए। पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना (पीएमपी) नेपाल और भारत की सीमा पर स्थित महाकाली नदी पर विकसित की जाने वाली एक द्वि-राष्ट्रीय जलविद्युत परियोजना है।

नेपाल में 130,000 हेक्टेयर भूमि और भारत में 240,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा भी कराएगी उपलब्ध

परियोजना का विकास 1996 में नेपाल और भारत के बीच हस्ताक्षरित एकीकृत महाकाली संधि के अंतर्गत होना है। इसमें भारत और नेपाल में महाकाली नदी के दोनों छोर पर 3,240 मेगावाट के भूमिगत बिजलीघरों का निर्माण किया जाएगा। बिजली पैदा करने के अलावा, यह परियोजना बाढ़ सुरक्षा सहित अन्य आकस्मिक लाभों के साथ नेपाल में 130,000 हेक्टेयर भूमि और भारत में 240,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा भी उपलब्ध कराएगी।

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने हाल ही में भारत का दौरा किया था

कुछ मुद्दों पर मतभेद होने के कारण पंचेश्वर परियोजना की पारस्परिक रूप से स्वीकार्य डीपीआर को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था। नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय में संयुक्त सचिव भेटुवाल ने कहा कि इस संबंध में 500 से ज्यादा अनसुलझे मुद्दे थे जो अब घटकर 127 रह गए हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने हाल ही में भारत का दौरा किया था जिसके बाद उन्होंने पीएम मोदी से मिले समर्थन की सराहना की थी। प्रचंड से पहले भारत और नेपाल के बीच कई मुद्दों पर मतभेद भी सामने आए थे।