ब्रिटेन के भेदभावपूर्ण रवैए का भारत ने दिया जवाब, काॅमनवेल्थ गेम्स में हाॅकी टीम भेजने से किया इंकार

मंगलवार को भारत अगले साल बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों की हॉकी प्रतियोगिता से हट गया। भारत ने कोविड-19 से जुड़ी चिंताओं और देश के यात्रियों के प्रति ब्रिटेन के भेदभावपूर्ण क्वारंटाइन नियमों के कारण यह कदम उठाया है।

खिलाड़ियों को भेजकर नहीं उठाना चाहते जोखिम

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोबम ने भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को अवगत कराते हुए कहा कि एशियाई खेल 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए महाद्वीपीय क्वालीफिकेशन प्रतियोगिता है और एशियाई खेलों की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए हॉकी इंडिया राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भारतीय टीमों के किसी खिलाड़ी के कोविड-19 संक्रमित होने का जोखिम नहीं ले सकता। इसलिए हॉकी इंडिया अपनी मेन्स और महिला टीमों को कॉमनवेल्थ खेल 2022 के लिए नहीं भेजेगा और आपको समय रहते सूचित किया जा रहा है कि आयोजकों को जानकारी दे दी जाए कि वे रिजर्व टीमों की पहचान करें।

ब्रिटेन ने किया था भारत के कोविड19 टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता देने से इंकार

ब्रिटेन ने भारत के कोविड 19 टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता देने से इनकार कर दिया था और देश से आने वाले यात्रियों के पूर्ण टीकाकरण के बावजूद उनके लिए 10 दिन का कड़ा क्वारंटाइन अनिवार्य किया था।पत्र में निंगोबम ने इस भेदभाव का प्रमुखता से जिक्र किया है।निंगोबम ने लिखा कि इस तरह की भेदभावपूर्ण पाबंदियां भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों पर हाल में हुए टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान भी लागू नहीं थी और टीकाकरण करवाने वाले खिलाड़ियों के लिए भी 10 दिन के क्वारंटाइन से उनका प्रदर्शन प्रभावित होगा। हमें लगता है कि ये पाबंदियां भारत के खिलाफ भेदभावपूर्ण हैं और काफी दुर्भाग्यशाली हैं।