इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे: अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र ने जारी की खुशहाल देशों की सूची, जानिये भारत की क्या है स्थिति

साल 2013 में आज ही के दिन इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे को मनाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन को मनाने के पीछे यह कारण माना जाता है कि इससे लोगों के जीवन में खुशियों का महत्व बढ़ जाता है कि जो समाज खुश रहता है वह समाज सबसे ज्यादा प्रगति करता है। किसी भी देश की खुशहाली के साथ ही उसकी आर्थिक उन्नति भी जुडी हुई है।

20 मार्च 2013 से हुई इस दिवस को मनाये जाने की शुरुवात

अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस को हर साल मनाने करने का रेजुलेशन 20 जुलाई 2012 में संयुक्त राष्ट्र से पास हुआ था। इसके बाद वर्ष 2013 के 20 मार्च से यह हर साल सेलिब्रेट किया जाने लगा। माना जाता है कि मशहूर समाजसेवी जेमी इलियन के प्रयासों के कारण इस दिवस को मनाये जाने की मान्यता मिली थी। जेमी इलियन की इस सोच से उस समय के यूएन के सेक्रेटरी जनरल बान की मून बहुत प्रभावित हुए और इसके बाद इसे यूएन महासभा में 193 देशों के मतों का सपोर्ट मिला था।

सूची में भारत की स्थिति में सुधार, लेकिन अब भी चिंताजनक

संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार 18 मार्च को साल 2022 की विश्व प्रसन्नता सूची (वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट 2022) जारी कर दी है। कुल 146 देशों की जारी की गयी सूची में भारत 136वें पायदान के साथ काफी नीचे है। हालांकि पिछली बार की अपेक्षा भारत की स्थिति में सुधार हुआ है। भारत पिछले साल 139वें नंबर पर था और किसी तरह सबसे दुखी 10 देशों की लिस्ट से बाहर रहा था। वहीँ आस्ट्रिया 11वें, आस्ट्रेलिया 12वें, आयरलैंड 13वें, जर्मनी 14वें, कनाडा 15वें, अमेरिका 16वें, ब्रिटेन 17वें, चेक रिपब्लिक 18वें, बेल्जियम 19वें और फ्रांस 20वें नंबर पर रहे हैं। जबकि अफगानिस्तान 146वें पायदान के साथ सबसे काम खुशहाल देश है।

इस वर्ष की थीम

इस साल की इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे की  थीम है शांत रहो, समझदार रहो और दयालु रहो।