देश में जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके जानकारी दी।
उन्होंने लिखा कि भारत ने अपनी वैक्सीन बास्केट का विस्तार कर लिया। जॉनसन एंड जॉनसन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। अब तक भारत में 5 वैक्सीन कोभारत में फिलहाल कोवैक्सीन, कोविशील्ड और रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी का आपात इस्तेमाल किया जा रहा है। मॉर्डना को भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, लेकिन वैक्सीन के साथ क्षतिपूर्ति की शर्त पर मामला अभी अटका हुआ है। इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।अब देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और तेजी आएगी।
जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी
दरअसल एक दिन पहले ही यानि 6 अगस्त को अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में कोरोना के खिलाफ सिंगल डोज वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी। केन्द्र सरकार ने इस पर विचार करते हुए मंजूरी दे दी है, जिससे भारत में महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने में तेजी आएगी।
इस बारे में जीबी पंत के डॉ, संजय पांडेय कहते हैं कि इस वैक्सीन से कम समय में ज्यादा लोग तक पहुंचा जा सकेगा क्योंकि इसमें दूसरे डोज के लिए व्यक्ति को दोबारा नहीं आना पड़ेगा। इससे उस समय में दूसरे व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जा सकेगी।
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ किया समझौता
कुछ समय पहले ही अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने तेलंगाना की बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन के लिए समझौता किया है। जॉनसन एंड जॉनसन ने एक वक्तव्य में कहा है कि वह टीके के निर्माण के लिए बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ मिलकर काम कर रही है। कंपनी ने कहा है कि वह कोविड-19 की वैक्सीन के विकास और उत्पादन बढ़ाने और इसे विश्वभर में पहुंचाने के लिए रात-दिन कार्य कर रही है।
भारत में फिलहाल कोवैक्सीन, कोविशील्ड और रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी का आपात इस्तेमाल किया जा रहा है। मॉर्डना को भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, लेकिन वैक्सीन के साथ क्षतिपूर्ति की शर्त पर मामला अभी अटका हुआ है।