जानें कब है पापमोचनी एकादशी, श्रीहरि की पूजा अर्चना से दूर होंगी सभी समस्याएं, देखें तिथि व पूजन विधि

आज 23 मार्च 2025 है। आगामी 25 मार्च 2025 को पापमोचनी एकादशी है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।

एकादशी का खास महत्व

हिन्दू धर्म में एकादशी का काफी महत्व होता है। इस माह में पड़ने वाली पापमोचनी एकादशी बहुत महत्वपूर्ण होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में 2 एकादशी आती है और पूरे साल में 24 एकादशी आती है । सभी एकादशी का अपना अलग अलग शास्त्रीय महत्व माना जाता है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति प्रत्येक एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ करता है, उसे संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

जानें शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की कृष्ण पक्ष पक्ष की एकादशी तिथि 25 मार्च को सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस एकादशी तिथि का समापन 26 मार्च को तड़के 3 बजकर 45 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार‌ पापमोचनी एकादशी का व्रत 25 मार्च रखा जाएगा।

जानें पूजन विधि

पापमोचनी एकादशी के दिन व्रत और पूजन करता है उसे मृत्य के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही वैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है। पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। घर के मंदिर की साफ सफाई कर दीप प्रज्वलित करें। चौकी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना कर जलाभिषेक करें। दूध और केसर युक्त मिष्ठान तैयार कर भगवान विष्णु को अर्पित करें। भगवान विष्णु की पुष्प धूप, दीप, नैवेद्य से पूजा करें। एकादशी तिथि की शाम को तुलसी के पौधे के समक्ष दीप जलाएं।