April 20, 2024

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शहीद दिवस : आज ही के दिन शहीद भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर ने देश के लिए दिया था बलिदान, कम उम्र में देश के लिए मर मिटे तीनों क्रांतिकारी

देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले तीन महान क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है । शहीद दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को श्रद्धांजलि दी जाती है । आजादी की कीमत के रूप में भारत को  लाखों कुर्बानियां देनी पड़ी थी। इन कुर्बानियों और वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत शहीद दिवस के रूप में मनाता है। 

देश के लिए हंसते-हंसते दी अपनी कुर्बानी

23 मार्च को भारत के सपूतों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने देश के लिए हंसते-हंसते फांसी की सजा को गले लगा लिया था। उनकी शहादत को देश का हर नागरिक सच्चे दिल से सलाम करता है।भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन  के दौरान वर्ष 1931 में क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को फांसी दी गई थी।उन्हें लाहौर षड्यंत्र के आरोप में फांसी पर लटकाया गया था । इन तीनों को फांसी दिए जाने की तारीख 24 मार्च 1931 तय की गई थी, लेकिन उससे एक दिन पहले ही 23 मार्च को ही तीनों क्रांतिकारियों को फांसी पर लटका दिया गया था।लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लेने के लिए  भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, आजाद और कुछ अन्य लोगों ने आजादी के लिए संग्राम का मोर्चा संभाल लिया था। अंग्रेजी शासन के हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाते हुए उन्होंने पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूटर बिल के विरोध में 8 अप्रैल, 1929 को सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे।’राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव का खौफ ब्रिटिश प्रशासन पर इस कदर हावी हो गया था कि इन तीनों को पकड़ने के लिये पुलिस को विशेष अभियान चलाना पड़ा ।इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा लगाते- लगाते भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर हत्या का आरोप लगाया गया। हत्या के आरोप में 1931 में उन्हें 23 मार्च को लाहौर जेल में फांसी   पर लटका दिया गया ।

शहीद भगत सिंह

मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद भगत सिंह का जन्म पंजाब के लायलपुर में 28 सितम्बर 1907 को हुआ था। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर भगत सिंह ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का साहस से मुकाबला किया।

शहीद सुखदेव

  शहीद सुखदेव का जन्म 15 मई, 1907 को पंजाब को लायलपुर पाकिस्तान में हुआ। भगतसिंह और सुखदेव के परिवार लायलपुर में पास-पास ही रहने से दोनों वीरों में गहरी दोस्ती थी। यही नहीं दोनों लाहौर नेशनल कॉलेज के छात्र भी थे। सांडर्स हत्याकांड में सुखदेव ने भगत सिंह तथा राजगुरु का साथ दिया था।

शहीद राजगुरु

शहीद राजगुरु का 24 अगस्त, 1908 को पुणे जिले के खेड़ा में शहीद राजगुरु का जन्म हुआ। राजगुरु शिवाजी की छापामार शैली के प्रशंसक होने के साथ-साथ लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से काफी प्रभावित थे।

भारतीयों के लिए प्रेरणास्रोत

कम उम्र में इन वीरों ने देश के आजादी की लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति दे दी। इसी के साथ भारतीयों के लिए भगत सिंह, शिवराम राजगुरु, सुखदेव प्रेरणा के स्रोत बने हैं। उनकी क्रांति और जोश आज युवाओं की रगों में बहता है।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ‘शहीद दिवस’ के अवसर पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि देश उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा।पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को भारत हमेशा याद रखेगा। ये महान लोग हैं जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय योगदान दिया।’

सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि

सीएम धामी ने शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मॉं भारती की स्वतंत्रता हेतु राष्ट्र सेवा की यज्ञ वेदी में अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले महान क्रांतिकारी भगत सिंह जी, सुखदेव जी एवं राजगुरु जी के शहीदी दिवस पर कोटिशः नमन।मातृभूमि के प्रति आपका प्रेम एवं समर्पण भाव चिर काल तक राष्ट्र सेवा हेतु देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।