मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैम्प कार्यालय में सेब की खेती एवं कीवी मिशन की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बागवानी विकास की योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए मिशन मोड में कार्य किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन में मजबूत इच्छा शक्ति के साथ प्रदेश हित को भी ध्यान में रखा जाए।
हिमाचल की भांति हमारा प्रदेश भी सेब एवम कीवी उत्पादन में अग्रणी बनें
उन्होंने प्रदेश में सेब एवं कीवी उत्पादक क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर इससे जुड़े किसानों की समस्याओं को त्वरित ढंग से समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित बैठकों को मात्र कोरम पूरा करने का माध्यम नहीं बल्कि योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करने का माध्यम बनाया जाए। उन्होंने 15 दिन के बाद इस संबंध में पुनः समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि हिमाचल की भांति हमारे प्रदेश का किसान भी सेब एवं कीवी उत्पादन में अग्रणी बने तथा उनकी आर्थिकी बढ़े, इसके लिए प्रदेश में सेब उत्पादक क्षेत्रों के चिन्हीकरण, भूमि की उत्पादन क्षमता और अच्छी किस्म की पौधों की किसानों तक उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि हमारा किसान रोजगार देने वाला भी बने, इस दिशा में कारगर ढंग से कार्य होना चाहिए। उन्होंने इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण के साथ ही जागरूक करने और उत्पादों के बेहतर विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमने 2030 तक बागवानी क्षेत्र में 3 हजार करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा है , जिसकी प्राप्ति के लिए हमें वर्षवार उत्पादन क्षमता के निर्धारण पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने सेब एवं कीवी उत्पादन क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज के प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में उपस्थित रहे
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, निदेशक उद्यान एच.एस. बवेजा के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।