उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने जोशीमठ क्षेत्र में हो रही तबाही के पीछे सरकारों की अदूरदर्शिता निहित स्वार्थों से मिलीभगत अतिसंवेदनशील हिमालय की अधिक अधकचरी समझ का परिणाम बताया। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि प्रदेश तथा केंद्र सरकार अपनी आपराधिक लापरवाहियों को छिपाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से वैज्ञानिक जानकारियों, तथ्यों को साझा करने पर प्रतिबंध लगा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
किसी भी सरकार ने उत्तराखंड की जनता व हिमालय को समझने वाले विशेषज्ञों व आंदोलनों की चेतावनी को समझने की कोशिश नहीं की
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि देश व प्रदेश में किसी पार्टी की सरकार रही हो उन्होंने उत्तराखंड की जनता व हिमालय को समझने वाले विशेषज्ञों व आंदोलनों की चेतावनी को समझने की कोशिश नहीं की उल्टा उन्हें विकास विरोधी व खलनायक के रूप में पेश किया गया पर आज सच्चाई सबके सामने आ गई है। ऐसे में वे अब अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी से बच कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।उपपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने जोशीमठ क्षेत्र के पीड़ित व संघर्षशील साथियों से मुलाकात एवं क्षेत्र का दौरा कर वहां के हालातों को बहुत गंभीर बताया है। इस दल में पार्टी के केंद्रीय महासचिव नरेश नौड़ियाल, महासचिव विक्रम सिंह फर्स्वाण पौड़ी जिले के संयोजक सत्यवान सिंह राणा और केंद्रीय समिति के सदस्य जसवंत सिंह शामिल थे।
जवाबदेही तय करने की मांग की
प्रतिनिधिमंडल ने इस बर्बादी के पीछे एनटीपीसी क्रियाकलापों को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताते हुए उसकी जवाबदेही तय करने की मांग की है और हिमालयी क्षेत्र में पारिस्थितिकी के विपरीत नीतियां, योजनाएं बनाने वालों को कटघरे में खड़ा करने की मांग की है।पार्टी ने कहा कि उपपा बचाव, पुनर्वास व विस्थापन की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रभावित लोगों की आवाज उठा रहे जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को भी शामिल करने की मांग करती है और पूरे उत्तराखंड के अनेक क्षेत्रों में पैदा हो रही ऐसी परिस्थितियों की गंभीर पड़ताल व उनके उपचार के लिए तत्काल योजना बनाने की मांग करती हैं।