शारदीय नवरात्रि: महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान, जानें कथा और मंत्र

नवरात्रि के 9वें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा का  विधान है । इनकी पूजा से इससे यश, बल और धन की प्राप्ति होती है । सिद्धिदात्री देवी उन सभी भक्तों को महाविद्याओं की अष्ट सिद्धियां प्रदान करती हैं, जो सच्चे मन से उनके लिए आराधना करते हैं । मान्यता है कि सभी देवी-देवताओं को भी मां सिद्धिदात्री से ही सिद्धियों की प्राप्ति हुई है ।

जानें कथा

मां पार्वती ने महिषासुर नामक राक्षस को मारने के लिए दुर्गा का रूप लिया था ।  महिषासुर एक राक्षस था जिससे मुकाबला करना सभी देवताओं के लिए मुश्किल हो गया था ।  इसलिए आदिशक्ति ने दुर्गा का रुप धारण किया और महिषासुर से 8 दिनों तक युद्ध किया और नौवें दिन महिषासुर का वध कर दिया । उसके बाद से नवरात्रि का पूजन किया जाने लगा । नौवें दिन को महानवमी के दिन से जाना जाने लगा ।

तिथि

ज्योतिष पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 3 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 36 मिनट से आरंभ हो  गई है। वहीं आज 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हो रही है। वहीं उदयातिथि को आधार मानते हुए नवरात्रि की नवमी 4 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी।

इन मुहूर्त में न करें कन्या पूजन-

राहुकाल- 03:07 पी एम से 04:35 पी एम।
यमगण्ड- 09:13 ए एम से 10:41 ए एम।
गुलिक काल- 12:10 पी एम से 01:38 पी एम।
दुर्मुहूर्त- 08:37 ए एम से 09:24 ए एम।

मंत्रों का करें जप

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥