उत्तराखंड: मुख्य सचिव ने पिरूल को वन उत्पाद की श्रेणी से बाहर किए जाने हेतु शीघ्र शासनादेश किए जाने के निर्देश दिए

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में मंगलवार को  पिरूल (चीड़ की पत्ती) के निस्तारण व अन्य उपयोगों के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में पिरूल से बिजली उत्पादन हेतु लगाए गए प्लांट के संचालक भी मौजूद थे।

पिरूल के निस्तारण के लिए उसके विभिन्न उपयोगों पर शोध किए जाएँ

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पिरूल के निस्तारण के लिए उसके विभिन्न उपयोगों पर शोध किए जाएँ और पिरूल को ईंधन के रूप में उपयोग किए जाने की सम्भावनाएं तलाशी जाएं। मुख्य सचिव ने पिरूल को वन उत्पाद की श्रेणी से बाहर किए जाने हेतु शीघ्र शासनादेश किए जाने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने मिड डे मील में पिरुल के बिकेट्स का ईंधन भी वैकल्पिक रूप से इस्तेमाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिरूल से विद्युत उत्पादन को व्यवहार्य बनाए जाने के लिए और क्या सुधार किया जा सकता है, पॉलिसी में क्या बदलाव किया जा सकता है, इस पर भी विचार किया जाए। इसके बाद मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में सोलर प्लांट्स को लगाए जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी सरकारी भवनों एवं स्कूलों की छत पर सोलर प्लांट्स लगाए जाने हेतु शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

इस दौरान उपस्थित रहे

इस दौरान अपर मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन, सचिव  अरविन्द सिंह ह्यांकि, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, विजय कुमार यादव, निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।