कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान के तहत राइंका गणनाथ में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुवार को आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने की जानकारी दी गई।
पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़ गधेरों और धारों में पानी के स्तर की जानकारी दी
डीएम वंदना के निर्देश पर जागरूकता शिविर में फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य उपकेन्द्र सूरी गजेंद्र कुमार पाठक ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़ गधेरों और धारों में पानी के स्तर की जानकारी दी। उन्होंने पिछले चालीस सालों में आये अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया कि कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़ गधेरों और धारों में वर्ष 1980 तक इतना अधिक पानी हुआ करता था कि प्रत्येक गाड़, गधेरे में दर्जनों पनचक्कियां चला करतीं थी। मगर आज गर्मियों में पीने को भी पानी नहीं मिल रहा है। कहा कि पानी के स्तर में आई इस कमी का मुख्य कारण मिश्रित जंगलों की जगह चीड़ के एकल प्रजाति के जंगलों का आना तथा जंगलों में हर साल होने वाली आग की घटनाएं हैं। इसके अलावा वैश्विक तापवृद्धि से उत्पन्न जलवायु परिवर्तन के कारण शीतकालीन वर्षा और बर्फबारी में उल्लेखनीय कमी ने जल स्त्रोतों में जल स्तर घटाने में योगदान दिया है।
विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों से अनुरोध
कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया कि जंगलों को अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन से बचाने तथा जंगलों की आग की रोकथाम में वन विभाग को सहयोग कर सूखते जल स्त्रोतों और जैव विविधता को बचाया जा सकता है। सभी विद्यार्थियों को जंगल का दोस्त बनने के लिये प्रेरित किया गया।
इस अवसर पर रहे उपस्थित
इस मौके पर प्रभारी प्रधानाचार्य सरोज कुमार, दिनेश लोहनी, नवीन चंद्र आर्या, गोविंद प्रसाद, शंकर सिंह बिष्ट, कुंदन सिंह बगड़वाल, किशोर चंद्र, दीपक चुपडाल, मनोज कुमार वर्मा, सुनीता देवी, नवीन चंद्र आर्या, हरीश नाथ, दिनेश लोहनी, शेखर राम, नीलम पंत, कंचन जोशी, पूजा जंगपांगी आदि मौजूद रहे।