प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को क्रिप्टोकरेंसी और इससे जुड़े मसलों पर एक बैठक ली ,जिसमें इस मुद्दे के सभी पहलू पर गंभीरता से चर्चा की गई। बैठक में युवाओं को गुमराह करने वाले अति-लुभावने और गैर-पारदर्शी विज्ञापन पर चिंता जताई गई और तय किया गया कि इन विज्ञापनों पर नकेल कसी जाएगी।
नहीं बनने दिया जाएगा लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का जरिया
जानकारी के मुताबिक बैठक में तय किया गया कि अनरेग्युलेटेड क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग का जरिया नहीं बनने दिया जाएगा। आरबीआई, वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय ने पूर्व में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देश और दुनियाभर के एक्सपर्ट के साथ इस बारे में विचार विमर्श किया है। दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरणों और बेस्ट प्रैक्टिस का भी अध्ययन किया गया है। जिसके बाद खुद प्रधानमंत्री ने ये बैठक बुलाई थी। ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ये अहम बैठक ऐसे समय में बुलाई है, जब कांग्रेस ने करोड़ों रुपये के बिटकॉइन घोटाले और कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा इसे छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जाँच करवाने की माँग की है । आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिज़र्व बैंक लगातार चिंता जता रहा है। आरबीआई ने यहाँ तक कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी ने उसके लिए भी ‘गंभीर चिंता’ पैदा की है।
यह ऐसी डिजिटल मुद्रा, जिनके न तो मालिक का पता और न स्रोत का
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाना चाहता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत नही दी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इसके लिए केंद्र सरकार कोई नीति लेकर आए। अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की कोई नीति नहीं है जिसकी वजह से लोग धड़ल्ले से इनमें निवेश कर रहे हैं। यह निवेश काफी जोखिम भरा होता है, क्योंकि यह इंटरनेट की रहस्यमय दुनिया में चलने वाली ऐसी डिजिटल मुद्राएं हैं जिनके न तो मालिक का पता और न स्रोत का।