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आज यानी 12 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जा रही है । हिन्दू धर्म में इस एकादशी का बहुत अधिक महत्व माना गया है । ऐसी मान्यता है कि मोहिनी एकादशी को व्रत रखने से जीवन कल्याणमय हो जाता है । आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है । इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु का आर्शीवाद प्राप्त होता है।
मोहिनी एकादशी व्रत कथा
पुराणों के अनुसार भद्रावती नामक सुंदर नगर में धनपाल नामक एक धनी व्यक्ति निवास करता था । वे काफी दानपुण्य करने वाला व्यक्ति था उसके पांच पुत्रों में सबसे छोटे बेटे का नाम धृष्टबुद्धि था जो बुरे कामों के लिए अपने पिता का धन खर्च करते रहता था । एक दिन धनपाल ने उससे तंग आकर उसे घर से बाहर निकाल दिया । और इसके बाद धृष्टबुद्धि शोक में डूब गया । और भटकते भटकते वह महर्षि कौण्डिल्य के आश्रम पर जा पहुंचा । और महर्षि से बोला मुझ पर दया करके कोई ऐसा उपाय बताएं जिसके पुण्य के प्रभाव से मैं अपने दुखों से मुक्त हो जाऊँ । तब महर्षि कौण्डिल्य बोले कि मोहिनी नाम से प्रसिद्ध एकादशी का व्रत करो । इस व्रत के पुण्य से कई जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं ।धृष्टबुद्धि ने ऐसा ही किया और मोहिनी एकादशी का व्रत किया। जिसके बाद वह निष्पाप हो गया और विष्णुधाम चला गया ।
पूजन विधि
वैशाख माह की एकादशी तिथि बुधवार, 11 मई 2022 को शाम 7 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होकर गुरुवार, 12 मई 2022 को शाम 6 बजकर 51 मिनट तक रहेगी । इस दिन आप मोहिनी एकादशी का व्रत करें और तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा तुलसी के पौधे की कम से कम 11 बार परिक्रमा करें। इस दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करनी चाहिए और गरीबों को फल, वस्त्र व अन्न का दान करना चाहिए। इस पावन दिन अपनी क्षमता के अनुसार दान जरूर करें। एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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