हाईकोर्ट बार एसोशिएसन नैनीताल के हॉल में हाईकोर्ट को नैनीताल से अन्यत्र शिफ्ट न करने व नैनीताल में जरूरी जनसुविधाओं व नैनीताल के विकास के लिये हाईकोर्ट बार एसोशिएसन के उपाध्यक्ष प्रशान्त जोशी की अध्यक्षता में सोमवार को एक सभा आहूत की गयी।
उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण, उत्तराखण्ड के सुदूवर्ती इलाके के विकास के लिये किया गया था
जिसमें अधिवक्ता कैलाश चन्द्र तिवारी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण, उत्तराखण्ड के सुदूवर्ती इलाके के विकास के लिये किया गया था और उत्तराखण्ड बनने से पहले 85 प्रतिशत उत्तराखण्ड वासियों द्वारा गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग की गयी थी। अधिवक्ता रमन साह द्वारा कहा गया कि गजेट ऑफ इण्डिया दिनांक 03.11.2000 में माननीय राष्ट्रपति महोदय की स्वीकृति से आदेश पारित किया कि उत्तराखण्ड हाईकोर्ट दिनांक 09.11.2000 एट नैनीताल में स्थित होगी और रमन साह द्वारा कहा गया कि दिनांक 27.09.2022 की बैठक के सम्बन्ध में विनीत कुमार अपर सचिव उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उत्तराखण्ड हाई कोर्ट को नैनीताल जिले में अन्यत्र स्थापित किये जाने हेतु बैठक बुलाये जाने की सूचना दी गयी ।
उत्तराखण्ड सरकार को नोटिस तामिल कराया गया
इस सम्बन्ध में अधिवक्ता रमन साह द्वारा अपर सचिव विनीत कुमार के विरूद्ध आपराधिक अवमानना की प्रक्रिया चलाने हेतु माननीय महाधिवक्ता महोदय, उत्तराखण्ड सरकार को नोटिस तामिल कराया गया और सभा को अधिवक्ता भुवनेश जोशी नवनीश नेगी, सुहास रतन जोशी ने सम्बोधित किया।
सभा में मौजूद रहे
सभा में विजयलक्ष्मी फर्तयाल, नवनीश नेगी, गीता परिहार, बिजयन्त पंत, डी०के० जोशी, बी०एस०कोरंगा, शैलेन्द्र नौरियाल, शिवानन्द भट्ट, राजीव शर्मा, एम०एस० भण्डारी, के0के0 तिवारी, महावीर कोहली, हिमांशु असवाल, अपूर्व चौहान, त्रिलोचन पाण्डे, एन0के0 पपनोई, कैलाश चन्द्र तिवारी, जयवर्धन काण्डपाल, सुहास रतन जोशी, भुवनेश जोशी, योगेश पचौलिया, बी०एस०रावत, प्रेम कौशल, विकास सिंह यादव, मनोज कुमार, अविदित नौलियाल, पंकज सिंह चौहान, गौरव कुमार व अन्य कई अधिवक्ता मौजूद रहे।