नैनीताल: दो पुलिस कर्मियों को तीन-तीन साल के कारावास की सजा, जाने पूरा मामला

विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने नकली पिस्टल बेचने की आड़ में परिवार वालों से फिरौती की मांगने के आरोपी दो पुलिस कर्मियों को तीन-तीन साल के कारावास व दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

यह है पूरा मामला-

अभियोजन पक्ष के मुताबिक रिपोर्टकर्ता विजय पाठक पुत्र गोविंद बल्लभ पाठक निवासी मल्ला गोरखपुर हल्द्वानी को एक लाइसेंसी रिवाल्वर की आवश्यकता थी। जिसके लिए रिपोर्टकर्ता के भाई संजय पाठक को उसके दोस्त उस्मान ने बताया कि काशीपुर क्षेत्र में उसके मामा के लड़के इदरीश के पास लाइसेंसी पिस्टल है। 29 मार्च 2014 वह पिस्टल देखने काशीपुर गये। इदरीश ने पिस्टल दिखाई जो उन्हें पसंद नहीं आई। वापस लौटते समय रेलवे फाटक के पास चार लोगों जिसमें दो पुलिस कर्मी गोविंद प्रसाद पुत्र गंगाराम निवासी ग्राम करैला, जिला पिथौरागढ़ तत्कालीन तैनाती चौकीबांस व कांस्टेबल विजेंद्र नेगी पुत्र देव सिंह नेगी निवासी ग्राम नौगॉव, थाना गैरसैण, जिला चमोली, इदरीश व ताज मोहम्मद उन्हें जबरन एक होटल में ले गए। इन चारों ने डंडों व बेल्ट से संजय व उस्मान के साथ मारपीटक कर पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी और उनके घर फोन किया। विजय पाठक पैसों की व्यवस्था कर काशीपुर पहुंचे और आरोपियों को 50 हजार रुपये दिये। इसी बीच विजय पाठक ने थाना काशीपुर में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक बहादुर सिंह को घटना की सूचना दी। विजय पाठक की रिपोर्ट पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कोर्ट ने 29 मार्च को चारों आरोपियों को दोषी ठहराया था।

कारावास की सजा-

अभियोजन की ओर से मामले में पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील शर्मा ने बताया कि बृहस्पतिवार को कोर्ट ने दोनों पुलिस कांस्टेबलों को मारपीट व बंधक बनाने की धाराओं में एक-एक साल व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में तीन-तीन साल की सजा और दस दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि दो अन्य आरोपियों को एक-एक साल की सजा सुनाई गई है।